धर्म नगरी कही जाने वाली चित्रकूट अधर्म की वारदात शर्मसार हो गई है। जहां एक दलित नाबालिग लड़की का 3 बदमाशों ने रात के 2 बजे अपहरण कर लिया। इसके बाद गैंगरेप को अंजाम दिया गया। वहीं पीड़ित नाबालिग के परिजनों ने तीन लोगों पर रात भर बंधक बनाकर गैंगरेप करने का आरोप लगाया है। करीब 16 घंटे बाद रामघाट में किशोरी को बेहोशी की हालत बरामद किया गया। जानकारी के मुताबिक किशोरी के शरीर पर कई जगह काटने के निशान है। परिजनों ने गंभीर हालत में किशोरी जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां सूचना मिलते ही मौके पव पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है।
निघासन जैसा मामला चित्रकूट मेें भी
लखीमपुर खीरी के निघासन में दो नाबालिग बहनों के साथ हुई घटना के बाद चित्रकूट में दलित परिवार की बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। लगातार ऐसै मामलों से पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल सीतापुर चौकी के एक गांव के दलित परिवार का आरोप है कि देर रात दो बजे तीन लोग आए और वो बेटी को घर से उठा ले गए। इसके बाद बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और घायल अवस्था में फेंक गए। वह 16 घंटे बाद बेहोशी की हालत में रामघाट के पास मिली है
लोगों द्वारा सूचना मिलने पर परिवार के लोग मौके पर पहुंचे तो बेटी की हालत काफी गंभीर थी। उसके शरीर पर कई जगह दांत से काटने के निशान थे। परिजन घायल अवस्था में बेटी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। वहीं परिजनों का आरोप है कि महिला पुलिस बिना किसी परिजन की उपस्थिति के पीड़िता का अपने हिसाब से बयान ले रही है।
पुलिस मामले को रफा-दफा कर रही
वहीं घटना की सूचना पर समाजवादी पार्टी के सदर विधायक अनिल प्रधान जिला अस्पताल पहुंचे है। उन्होंने नाबालिग लड़की के घरवालों की उपस्थिति के बिना बयान का वीडियो बनाने पर आपत्ति जताई। पीड़िता के पिता के हस्ताक्षर के बिना ही तहरीर भी ली गई है।
सपा विधायक का आरोप है कि पुलिस दलित उत्पीड़न के मामलों में संजीदगी बरतने के बजाय उन्हें रफा-दफा करने में जुटी रहती है। परिवार को न्याय मिलना चाहिए।
इसी बीच चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि लड़की कुछ लोगों के साथ गई थी। वो लोग उसे राजापुर लेकर गए थे। इसके बाद वह युवती को वापस सीतापुर छोड़ गए।
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