यूपी के रायबरेली मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाला मामल सामने आया है जहां हजारों मरीजों को को फेल नमूने (failed samples) की दवाएं दी गई जिन्हें मरीजों ने दर्द निवारक दवाई समझकर खा लिया। दरअसल पिछले साल दिसंबर महिने में एसिक्लोफिनाक (Aceclofenac) सप्लाई की गई थी। लेकिन इस दर्द निवारक दवा के नमूने फेल (failed samples) हो गए है इसकी चिट्ठी जिला स्वास्थ्य विभाग को इसी महीने मिली है। इसी बीच हजारों मरीजों इस दर्द निवारक को खा लिया।
जानकारी के मुताबिक पिछले साल दिसंबर माह में जिला स्वास्थ्य विभाग को 1 लाख 20 हज़ार एसिक्लोफिनेक (Aceclofenac) ग्रुप की दर्द निवारक टेबलेट सप्लाई की गई थी। जिसके तुरंत बाद 1 लाख 18 हज़ार 8 सौ टेबलेट जिला स्वास्थ्य विभाग ने सीएचसी (CHC) और पीएचसी (PHC) में भेज दी गईं।
आपको बता दें कि दर्द निवारक दवा के तौर पर मरीजों को एसिक्लोफिनेक (Aceclofenac) दवाएं दी जा रही थी। लेकिन अचानक 8 महिने बाद जिला स्वास्थ्य विभाग को शासन के द्वार भेजी हुई चिट्ठी मिली। जिनमें लिखा था कि इन दवाओं के नमूने फेल हो गए हैं । इसलिए इन्हें वापस भेजा दिया जाए।
शासन की तरफ से ऐसी चिट्ठी मिलने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने इन टेबलेट (tablet) को मरीजों को देने से मना कर दिया। साथ ही इन्हें वापस भेजने का आदेश जारी कर दिया गया।
हालांकि इन आठ महीनों में हजारों मरीजों ने इस दवा दर्द निवारक दवा का सेवन कर लिया। गलती चाहे किसी भी हो शासन की या स्वास्थ्य विभाग की लेकिन इन सबके बीच मरीज विभाग की लेट लतीफी के चलते अधो मानक दवाएं खाते रहे। इसमें मरीजों की क्या गलती।
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