Amit Singh Tata cough syrup Case: उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने राज्य में संचालित एक बड़े कोडीन युक्त फेन्सेडिल कफ सिरप और अन्य नशीली दवाओं के अवैध तस्करी नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई की है। एसटीएफ ने इस सिंडिकेट के प्रमुख सप्लायर अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा को धर दबोचा है। बताया जा रहा है कि यह गिरोह लगभग ₹100 करोड़ के अवैध ड्रग्स नेटवर्क से जुड़ा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस नेटवर्क के तार पूर्वांचल के एक बड़े बाहुबली से जुड़े होने की बात सामने आई है। अमित टाटा के पास से बरामद फॉर्च्यूनर गाड़ी का नंबर 9777 है, जो उस बाहुबली के काफिले की गाड़ियों के नंबर से मेल खाता है।
अमित टाटा की गिरफ्तारी ने जौनपुर के राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, और आजाद अधिकार सेना ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह की भूमिका की जांच की मांग की है। अमित टाटा को सिर्फ सप्लायर नहीं, बल्कि इस अवैध नेटवर्क का अहम खिलाड़ी माना जा रहा है।
कौन हैं अमित सिंह टाटा?
जौनपुर से ताल्लुक रखने वाले Amit Singh Tata जौनपुर के सुरेरी थाना क्षेत्र के भोड़ा सीतूपुर गांव के रहने वाले हैं। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि 100 करोड़ रुपये के अवैध ड्रग नेटवर्क का हिस्सा होने के अलावा, वह राजनीतिक जमीन तैयार करने में भी जुटा हुआ था।
सूत्रों के अनुसार, अमित टाटा रामपुर ब्लॉक से ब्लॉक प्रमुख चुनाव लड़ने का मन बना चुका था, जिसका स्पष्ट अर्थ है कि वह ड्रग्स से अर्जित काली कमाई को राजनीतिक ताकत में बदलने की रणनीति पर काम कर रहा था।
बाहुबली से कथित संबंध और वायरल तस्वीरें
गिरफ्तारी के बाद Amit Singh Tata की पूर्वांचल के एक बाहुबली के साथ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिससे उनके राजनीतिक और आपराधिक गहरे संबंधों को बल मिल रहा है। हालांकि पुलिस ने अपनी FIR में बाहुबली का नाम शामिल नहीं किया है।
सबसे बड़ा सवाल उस फॉर्च्यूनर गाड़ी के नंबर 9777 को लेकर है, जो बाहुबली के काफिले में इस्तेमाल होने वाले नंबर पैटर्न से मेल खाता है। इस समानता ने अवैध नेटवर्क और बाहुबली के बीच की कड़ी को और मजबूत कर दिया है।
जांच की दिशा और मास्टरमाइंड
गिरफ्तारी के बाद आजाद अधिकार सेना ने अमित टाटा के साथ संबंधों को लेकर जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की भूमिका की जांच की मांग की है।
एसटीएफ की पूरी जांच में यह खुलासा हुआ है कि इस अवैध सिंडिकेट का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि शुभम जायसवाल है, जो गिरफ्तारी से पहले ही अपने पूरे परिवार के साथ दुबई भाग चुका है। एसटीएफ अब इस पूरे नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने और अन्य शामिल लोगों की तलाश में जुटी है।
