बच्चे बने दरिंदे: 7 साल के मासूम के साथ 7-8 के बच्चों ने किया बलात्कार, क्या विफल हो गया है हमारा समाज?

बलिया, उत्तर प्रदेश में हुई एक चौंका देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि 7 और 8 साल के बच्चे इतने क्रूर हो सकते हैं कि वे एक मासूम बच्ची के साथ ऐसा जघन्य अपराध कर बैठें? यह सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि हमारे समाज के मूल्यों पर एक करारा तमाचा है।

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Ballia incident: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया है। स्थानीय पुलिस के अनुसार, दो नाबालिग लड़कों द्वारा एक सात वर्षीय बच्ची के साथ कथित बलात्कार किया गया है।

Ballia पुलिस अधीक्षक (एसपी) विक्रांत वीर ने बताया, “शनिवार देर रात हमें इस घटना की सूचना मिली। पीड़िता को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए वाराणसी रेफर किया गया है।”

घटना का विवरण

अधिकारियों के अनुसार, यह घटना शुक्रवार दोपहर को बलिया शहर कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले में हुई। आरोप है कि दो लड़के, जिनकी उम्र 7 से 8 वर्ष के बीच है, बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गए और उसके साथ कथित रूप से बलात्कार किया।

एसपी वीर ने आगे बताया, “बच्ची के पिता की शिकायत पर हमने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। दोनों आरोपी नाबालिगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।”

चिकित्सा सहायता और जांच

पीड़िता की स्थिति शनिवार को बिगड़ने के बाद उसके परिजन उसे Ballia जिला अस्पताल ले गए। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तुरंत अस्पताल पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी।

“चिकित्सकों के परामर्श पर, बच्ची को बेहतर उपचार के लिए वाराणसी ले जाया गया है,” एसपी वीर ने कहा। “हम उसकी स्थिति पर नजदीकी नजर रख रहे हैं और उसके परिवार को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।”

कानूनी कार्रवाई और समुदाय की प्रतिक्रिया

Ballia पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी नाबालिगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरी चिंता और आक्रोश पैदा किया है।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता रीना सिंह ने कहा, “यह घटना हमारे समाज में बाल अपराध और यौन शिक्षा के मुद्दों पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता को रेखांकित करती है। हमें अपने बच्चों को बेहतर मार्गदर्शन और शिक्षा प्रदान करने की जरूरत है।”

अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेंगे। साथ ही, स्थानीय स्कूलों और समुदायों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है।

यह घटना उत्तर प्रदेश में बाल सुरक्षा के मुद्दे पर एक बार फिर ध्यान केंद्रित करती है, जिससे राज्य सरकार पर इस दिशा में ठोस कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है।

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