मुख्यमंत्री ने बयान में क्या कहा ?
बैठक के बाद एक बयान में मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “मैं प्रदर्शनकारियों को बताना चाहता हूं कि जो लोग आपसे मिलने आ रहे हैं, उनके दिल में राजनीतिक हित हैं।” इस बयान ने ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि इसका तात्पर्य यह है कि कुछ व्यक्ति अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए विरोध प्रदर्शन को एक मंच के रूप में उपयोग कर रहे हैं।
मराठा आरक्षण विरोध की पृष्ठभूमि
मराठा आरक्षण विरोध की जड़ें शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग में हैं। मुख्यमंत्री शिंदे ने बताया कि इस विरोध प्रदर्शन से पहले, इस मुद्दे पर 58 अन्य आंदोलन हुए हैं, जो सभी शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित किए गए थे। मराठा समुदाय प्रदर्शनों के प्रति अपने शांतिपूर्ण दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है और इस हालिया अशांति ने चिंताएं बढ़ा दी हैं।
विघटनकारी तत्वों का आरोप
मुख्यमंत्री शिंदे ने आगे बताया, “कुछ व्यक्तियों ने राज्य में अशांति पैदा करने के लिए विरोध प्रदर्शन की शांतिपूर्ण प्रकृति को बाधित किया है। यदि हम मराठा आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध नहीं होते, तो मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फड़नवीस के कार्यकाल के दौरान इसे प्रदान नहीं किया गया होता।”
राज ठाकरे की प्रदर्शनकारियों से मुलाकात
गौरतलब है कि राज ठाकरे ने भी प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की है। प्रदर्शनकारियों के साथ उनकी बातचीत मराठा आरक्षण विरोध के राजनीतिक महत्व और महाराष्ट्र में राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने की इसकी क्षमता का संकेत देती है।