नौकरी का झांसा और लाखों की चपत: साइबर ठगों का नया ‘स्विट्जरलैंड’ वाला कारनामा।

साइबर ठगों ने स्विट्जरलैंड में ₹2 लाख की नौकरी और नागरिकता का झांसा देकर उत्कर्ष कुमार नामक युवक से लाखों की ठगी की। टेलीग्राम से शुरू हुआ यह खेल निवेश और फर्जी वादों के जाल में उलझता गया, जिसके बाद पीड़ित ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।

Switzerland

Switzerland job scam: साइबर अपराधियों ने ठगी का एक सनसनीखेज तरीका अपनाते हुए युवाओं को विदेश में सुनहरे भविष्य का सपना दिखाना शुरू कर दिया है। ताजा मामले में, उत्कर्ष कुमार नामक युवक को स्विट्जरलैंड में ₹2 लाख प्रति माह की नौकरी और वहां की स्थायी नागरिकता दिलाने के नाम पर लाखों रुपये का चूना लगाया गया। ठगी की शुरुआत दिसंबर 2024 में एक टेलीग्राम ग्रुप के जरिए हुई, जहाँ पहले ऑनलाइन ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का लालच देकर निवेश कराया गया। जब पीड़ित ने अपना पैसा निकालने की कोशिश की, तो तकनीकी बाधाओं का बहाना बनाकर उन्हें दिल्ली और लुधियाना बुलाया गया। शातिरों ने पुराना पैसा वापस करने के नाम पर उनसे और अधिक निवेश कराया, जिससे पीड़ित कर्ज के जाल में फंस गया। अब साइबर पुलिस इस संगठित गिरोह की जांच कर रही है।

ट्रेडिंग से लेकर विदेश भेजने तक का मायाजाल

टेलीग्राम से बुना गया जाल

पीड़ित उत्कर्ष कुमार के अनुसार, 14 दिसंबर 2024 को उन्हें एक अज्ञात टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया था। शुरुआत में एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से उन्हें उनके निवेश पर भारी मुनाफा दिखाया गया। जब उत्कर्ष ने अपनी जमा पूंजी वापस निकालने का प्रयास किया, तो साइबर ठगों ने उनके खाते को ‘फ्रीज’ बता दिया और निकासी पर रोक लगा दी।

दिल्ली और लुधियाना में बुलाई गई मीटिंग

जब उत्कर्ष ने पैसे वापसी के लिए दबाव बनाया, तो ठगों ने उन्हें दिल्ली बुलाया। वहां उन्हें झांसा दिया गया कि यदि वे ₹5 लाख एक अन्य ऐप में निवेश करते हैं, तो उनकी पिछली पूरी राशि अनलॉक हो जाएगी। दोस्तों से उधार लेकर निवेश करने के बाद भी जब कुछ हासिल नहीं हुआ, तो गिरोह ने उन्हें लुधियाना बुलाया और ‘Switzerland प्लान’ का लालच दिया।

पुलिस कार्रवाई और साक्ष्य

Switzerland  ठगी का अहसास होने पर उत्कर्ष ने साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस को उन दो संदिग्ध कंपनियों के बैंक खातों का विवरण भी सौंपा है, जिनमें ठगी की राशि ट्रांसफर की गई थी। पुलिस अब इन खातों के लेन-देन और मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

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