Dehradun : 11 साल बाद दोषी को मिली सजा, 25 हजार जुर्माना और आजीवन कारावास, जानिए क्या है पूरा मामला

उन्होंने पुलिस को बताया कि बैजू शाह रेत-बजरी की सप्लाई करता था और ब्याज पर पैसे भी उधार देता था। 17 मई 2013 को राजू को किसी का फोन आया और वह घर से निकल गया। वह पूरी रात घर नहीं लौटा।

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Dehradun : रेत-बजरी सप्लायर की हत्या के दोषी को अपर जिला जज चतुर्थ महेश चंद कौशिबा की अदालत ने आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। यह घटना 11 साल पुरानी है, जिसमें दोषी ने अपने दोस्त के साथ मिलकर सप्लायर की मफलर से गला घोंटकर हत्या कर दी थी और शव को सड़क किनारे फेंक दिया था।

11 साल दोषी को मिली सजा

17 मई 2013 को राम रतन शाह ने कैंट थाने में अपने साले बैजू शाह की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बैजू शाह रेत-बजरी सप्लायर था और ब्याज पर पैसे भी देता था। 17 मई 2013 को किसी का फोन आने पर वह घर से निकला और वापस नहीं आया। अगले दिन, मोर्चरी में रखी एक लाश की पहचान बैजू शाह के रूप में हुई।

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पुलिस को अनारवाला पेट्रोल पंप (Dehradun) के पास शव मिला। हत्या और सूबुत को छुपाने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। कई महीनों की जांच के बाद जनवरी 2014 में पुलिस ने राजेश मेहता उर्फ राजू को गिरफ्तार किया।

राजू ने पूछताछ में क्या बताया था?

राजू ने पूछताछ में बताया कि उसने बैजू से एक लाख 60 हजार रुपये ब्याज पर लिए थे, लेकिन ब्याज चुकाने में असमर्थ होने पर उसने बैजू की हत्या की योजना बनाई। राजू और उसके दोस्त रितेश सचदेवा ने 17 मई 2013 को बैजू को बुलाया, तीनों ने शराब पी और बाद में राजू ने बैजू की मफलर से गला घोंटकर हत्या कर दी।

शव को अनारवाला में फेंक दिया गया और राजू ने रितेश को चुप रहने के लिए 25 हजार रुपये दिए। अप्रैल 2014 में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की और अभियोजन ने 17 गवाह पेश किए। मुकदमे के दौरान रितेश सचदेवा की मृत्यु हो गई, जिससे उसके खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गई। अंततः कोर्ट ने राजेश मेहता उर्फ राजू को बैजू की हत्या का दोषी मानते हुए सजा सुनाई।

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