अमेरिकी शेयर बाजार में ऐसी गिरावट
शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट पर अमेरिका के प्रमुख सूचकांकों में करीब ढाई फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 610.71 अंक यानी 1.51 फीसदी गिरकर 39,737.26 अंक पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी500 में 1.84 फीसदी की गिरावट देखी गई। टेक स्टॉक केंद्रित सूचकांक नैस्डैक कंपोजिट 2.43 फीसदी गिरकर 16,776.16 अंक पर आ गया।
यूरोप के शेयर बाजार में भी गिरावट
वॉल स्ट्रीट से उठे बिकवाली के तूफान ने यूरोपीय बाजारों को भी अपनी चपेट में ले लिया। यूरोप में FTSE 100 इंडेक्स 108.65 अंक (1.31%) गिरकर 8,174.71 अंक पर आ गया। CAC 40 इंडेक्स में 118.65 अंक (1.61%) की गिरावट देखी गई और यह 7,251.80 अंक पर बंद हुआ। DAX में सबसे ज़्यादा 2.33% की गिरावट देखी गई। यह 421 अंक से ज़्यादा गिरकर 17,661.22 अंक पर बंद हुआ।
कल भारतीय बाज़ार में इतनी गिरावट
शुक्रवार को घरेलू शेयर बाज़ार में भी भारी गिरावट आई। बीएसई सेंसेक्स 885.59 अंक या 1.08% गिरकर 80,981.95 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 293.20 अंक (1.17%) गिरकर 24,717.70 अंक पर आ गया। आज वायदा कारोबार में GIFT निफ्टी 87 अंक गिर गया है।
अमेरिका में मंदी के खतरे से डरे निवेशक
Global Market के शेयर बाजारों में आई इस भारी गिरावट के लिए अमेरिकी अर्थव्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। हाल ही में जारी कुछ आंकड़े अमेरिकी अर्थव्यवस्था की चिंताजनक तस्वीर पेश कर रहे हैं। अमेरिका में बेरोजगारी दर 4.3 फीसदी पर पहुंच गई है। अक्टूबर 2021 के बाद से यह अमेरिका में बेरोजगारी का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। बाजार को बेरोजगारी बढ़ने का डर तो था, लेकिन किसी ने इतनी बढ़ोतरी का अनुमान नहीं लगाया था। बेरोजगारी में बेतहाशा वृद्धि के साथ एक बार फिर यह डर पैदा हो गया है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी में जा सकती है। इस डर ने निवेशकों को दुनिया भर के शेयर बाजारों में बिकवाली करने पर मजबूर कर दिया।