Hapur News: हापुड़ जिले की तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर में दिल्ली के एक व्यापारी की शातिर साज़िश का भंडाफोड़ हुआ है। करीब ₹50 लाख के भारी लोन से बचने के लिए कमल सोमानी नामक इस व्यापारी ने एक खतरनाक योजना बनाई। उसने अपने कर्मचारी अंशुल के नाम पर ₹50 लाख का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कराया और फिर एक डमी पुतले को असली शव बताकर ब्रजघाट पर उसका अंतिम संस्कार करने पहुंच गया। उसका मकसद पुतले को जलाकर श्मशान घाट से अंतिम संस्कार की नकली पर्ची प्राप्त करना और फिर इंश्योरेंस की रकम हड़पना था। हालांकि, चिता पर रखी बॉडी का अत्यधिक हल्कापन देखकर आसपास मौजूद लोगों को संदेह हुआ।
जब लोगों ने चिता से कपड़ा हटाकर देखा, तो उनके होश उड़ गए—वहां किसी मानव का शव नहीं, बल्कि केवल एक पुतला रखा था। शोर मचने पर पुलिस पहुंची और आरोपी कमल सोमानी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि उसका एक साथी भागने में सफल रहा।
दिल्ली के दो कारोबारी कर्ज़ चुकाने के लिए अपने नौकर का 50 लाख का बीमा करा लाए।
क्लेम लेने का प्लान—प्लास्टिक का पुतला मुर्दा बनाकर हापुड़ के गढ़गंगा में अंतिम संस्कार!
कफन खुला तो पुतला निकल आया और पूरा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया।
अंतिम संस्कार की रसीद ही बीमा की रकम पाने का “कूपन” थी।… pic.twitter.com/9HqjMqRw5Z— iMayankofficial 🇮🇳 (@imayankindian) November 27, 2025
पुतले को कंधे पर लाते देख हुआ शक
दिल्ली के पालम इलाके का रहने वाला कमल सोमानी अपने एक दोस्त आशीष खुराना के साथ कार में सवार होकर गढ़मुक्तेश्वर पहुंचा था। ब्रजघाट पर, उन्होंने अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां, घी और अन्य पारंपरिक सामान खरीदा। जब वे ‘शव’ को कार से निकालकर चिता पर रखने लगे, तो वहीं मौजूद लोगों को संदेह हुआ। लोगों ने देखा कि ‘शव’ इतना हल्का था कि कमल का एक साथी उसे एक ही हाथ में लेकर चिता तक आ गया।
संदेह गहराने पर भीड़ इकट्ठा हो गई और लोगों ने हिम्मत करके चिता पर रखे ‘शव’ से कपड़ा हटा दिया। सामने किसी इंसान की डेडबॉडी की जगह एक कपड़े की दुकान का पुतला देखकर सभी भौचक्के रह गए।
₹50 लाख का लोन चुकाने की थी तरकीब
Hapur सीओ गढ़मुक्तेश्वर, स्तुति सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि कमल सोमानी की करोल बाग में कपड़े की दुकान थी, लेकिन उस पर लंबे समय से करीब ₹23 लाख का लोन था, जो बढ़कर अब ₹50 लाख के करीब पहुंच चुका था। दुकान बिक जाने के बावजूद लोन न चुका पाने से परेशान कमल ने यह आपराधिक षड्यंत्र रचा।
उसने ओडिशा के रहने वाले अपने 30 वर्षीय कर्मचारी अंशुल का चुपके से ₹50 लाख का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस करा दिया। योजना यह थी कि अंशुल की ‘मौत’ का नाटक करके, नकली अंतिम संस्कार की पर्ची से इंश्योरेंस क्लेम किया जाएगा और लोन चुकाया जाएगा।
दोस्त को भी नहीं थी पुतले की जानकारी
Hapur पुलिस पूछताछ में पता चला कि कमल सोमानी ने अपने दोस्त आशीष खुराना को भी अंधेरे में रखा था। कमल ने आशीष को बताया था कि यह रिश्तेदारी का कोई शव है और परिवार में अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं है। आशीष, मदद करने के इरादे से अपनी कार लेकर अंतिम संस्कार कराने में जुट गया था।
मौके पर पहुंची Hapur पुलिस को देखकर दो आरोपी फरार हो गए, जबकि कमल सोमानी और उसके एक साथी को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और मामले की गहन जांच जारी है।