high blood pressure : ब्लड प्रेशर शरीर में खून के फ्लो को कंट्रोल करता है और यह स्वस्थ रहने के लिए एक महत्वपूर्ण पैरामीटर है. जब यह सामान्य से ज्यादा हो जाता है, तो इसे हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहा जाता है. हाई बीपी एक साइलेंट किलर माना जाता है क्योंकि इसके लक्षण कई बार साफ नहीं होते, लेकिन यह शरीर के कई अंगों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है.
शरीर पर क्या पड़ता है असर
जब ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तो रक्तवाहिनियों (आर्टरीज) पर दबाव बढ़ जाता है. यह अतिरिक्त दबाव हृदय, मस्तिष्क, किडनी, साथ की बाकी कई अंगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
हृदय रोग
ब्लड प्रेशर हृदय पर अतिरिक्त भार डालता है, जिससे हृदय को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. इससे हृदय की दीवारें मोटी हो सकती हैं, जो हार्ट फेलियर या दिल के दौरे का कारण बन सकती है.
स्ट्रोक का खतरा
हाई बीपी मस्तिष्क में रक्तवाहिनियों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. अत्यधिक ब्लड प्रेशर से मस्तिष्क में रक्तस्राव हो सकता है, जो मस्तिष्क को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है.
किडनी की समस्या
ब्लड प्रेशर से किडनी की रक्त वाहिकाओं को भी प्रभावित करता है, जिससे किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और अंत में किडनी फेलियर की स्थिति पैदा हो सकती है.
आंखों पर प्रभाव
हाई बीपी आंखों की रक्त वाहिकाओं को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे दृष्टि समस्याएं हो सकती हैं या गंभीर मामलों में अंधापन भी हो सकता है.
क्या हो सकते हैं हाई बीपी के लक्ष्ण
हाई बीपी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें गलत खानपान, ज्यादा नमक का सेवन, धूम्रपान, शराब का सेवन, मोटापा, तनाव, और शारीरिक गतिविधि की कमी प्रमुख हैं. इसके अलावा, जेनेटिक कारणों से भी कुछ लोगों में हाई बीपी की समस्या हो सकती है.
हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन, धूम्रपान और शराब से दूरी, और समय-समय पर बीपी की जांच करना जरूरी है. अगर किसी को हाई बीपी की समस्या हो, तो डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए और दवाइयों का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए.
हाई बीपी को नजरअंदाज करना गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है, इसलिए इसे कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है.