UPSC छात्रों के विरोध की एक और वजह, कैसे दिल्ली में बाहर से आये छात्रों को लूट रहे मकान मालिक

Delhi IAS Students Protest: दिल्ली में UPSC विद्यार्थी सड़कों पर उतरे हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनके गुस्से की एक और वजह है, जो हादसे से पैदा हुई है। आइए जानते हैं कि बाहर से दिल्ली आने वाले विद्यार्थी क्या परेशानियों से गुजर रहे हैं?

Delhi IAS Students Protest: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राउ IAS कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद UPSC स्टूडेंट्स ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली (MCD) के खिलाफ धरना दिया और कई आरोप लगाए। स्टूडेंट्स का कहना है कि लापरवाही के कारण 3 छात्रों की जान चली गई। उनका मानना है कि इसे डिजास्टर नहीं कहा जा सकता, क्योंकि अगर ड्रेनेज सिस्टम सही होता तो कोचिंग सेंटर में पानी नहीं भरता।

बढ़ते किराये और प्रशासन की अनदेखी से नाराजगी

स्टूडेंट्स का कहना है कि उनका गुस्सा सिर्फ इसी हादसे के कारण नहीं फूटा है। दिल्ली में कोचिंग लेने वाले स्टूडेंट्स काफी समय से विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कई बार प्रशासन और अधिकारियों को बताया, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। सबसे बड़ी समस्या बढ़ता किराया है, जिसकी वजह से एक IAS स्टूडेंट ने सुसाइड कर ली थी।

IAS स्टूडेंट की सुसाइड की वजह

प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स ने मीडिया को बताया कि दिल्ली में देशभर से आए लाखों स्टूडेंट्स रहते हैं। जो हॉस्टल नहीं मिल पाते, वे पेइंग गेस्ट बनकर या किराये पर मकान-फ्लैट लेकर रहते हैं। करोल बाग में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स रहते हैं, जहां एक कमरे का किराया करीब 15 हजार रुपये है। माता-पिता बच्चों को दिल्ली पढ़ाई करने के लिए भेज तो देते हैं, लेकिन उन्हें काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। महाराष्ट्र के अकोला की रहने वाली अंकिता गोपनारायण भी इसी आर्थिक दबाव का सामना कर रही थी, जिसके कारण उसने 21 जुलाई को सुसाइड कर ली। सुसाइड नोट में उसने किराये और ब्रोकर का जिक्र करते हुए अपनी परेशानियां बताईं।

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मुख्य मुद्दे इस प्रकार हैं:

  • राउ IAS कोचिंग सेंटर हादसा:
    • 3 छात्रों की मृत्यु हुई
    • छात्रों का मानना है कि यह लापरवाही का परिणाम था
    • खराब ड्रेनेज सिस्टम की शिकायत
  • आवास की समस्या:
    • बढ़ता किराया मुख्य चिंता का विषय
    • एक कमरे का किराया करीब 15,000 रुपये प्रति माह
    • मकान मालिकों द्वारा मनमाना किराया वृद्धि
  • आर्थिक दबाव:
    • कोचिंग, किराया और बिजली बिल से बढ़ता खर्च
    • मध्यम वर्गीय परिवारों पर अतिरिक्त बोझ
  • अंकिता गोपनारायण का दुखद मामला:
    • आर्थिक दबाव के कारण आत्महत्या
    • किराये में 3,000 रुपये की अतिरिक्त वृद्धि की मांग
  • प्रशासन की अनदेखी:
    • छात्रों की शिकायतों पर कार्रवाई न होना
    • MCD के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

किराये में वृद्धि से अंकिता की परेशानी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में मकान मालिक मनमाने तरीके से किराया बढ़ाते हैं और न देने पर कमरा खाली करने का कहते हैं। अंकिता 15500 रुपये प्रति माह किराया देती थी, लेकिन मकान मालिक ने 3000 रुपये और बढ़ाने को कह दिया। विरोध करने पर मकान मालिक ने कमरा खाली करने की धमकी दी। अंकिता के पिता महाराष्ट्र पुलिस में हैं और उनका परिवार मध्यम वर्गीय है। कोचिंग और बढ़ते किराये के साथ-साथ बिजली का बिल भी एक बड़ी परेशानी बन गई थी। दिल्ली में रहने वाले स्टूडेंट्स की परेशानियों का अंदाजा कोई नहीं लगा सकता।

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