UP News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक सहकारी बैंक की शाखा में 2 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यह घोटाला बैंक प्रबंधक और कर्मचारियों द्वारा किया गया, जिन्होंने किसानों से अवैध रूप से अतिरिक्त धन वसूला। मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है। यह घटना राज्य के वित्तीय संस्थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
बैंक के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि शाखा प्रबंधक हिमांशु दुबे ने अमीन मोहर सिंह (UP News) और लिपिक परविंदर के साथ मिलकर एक फर्जी टीम बनाई थी। इस टीम ने किसानों के साथ व्यवस्थित रूप से धोखाधड़ी की। जब किसी किसान का 4 लाख रुपये का ऋण होता था, तो उसे 6 लाख रुपये का नोटिस भेजा जाता था। किसानों को संपत्ति कुर्क होने का भय दिखाकर अवैध शुल्क वसूला जाता था और किस्त जमा करने की रसीद भी नहीं दी जाती थी।
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मामले की जानकारी मिलने पर अध्यक्ष सिंह ने सहकारी बैंक के उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत की और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी जांच की मांग की। शासन स्तर पर इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डिप्टी जनरल मैनेजर डी.के. सिंह के नेतृत्व में एक जांच दल का गठन किया गया।
जांच दल ने सहकारी कार्यालय पहुंचकर पीड़ित खातेदारों के बयान दर्ज किए। किसानों ने (UP News) बताया कि उन्होंने कई साल पहले इस बैंक शाखा से कृषि ऋण लिया था। नियमित रूप से किस्त चुकाने के बावजूद, प्रबंधक द्वारा अतिरिक्त धन की मांग की जाती थी।
जांच अधिकारी डी.के. सिंह ने कहा कि पूरी जांच के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी। उच्च अधिकारी इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई का निर्णय लेंगे।
इस घोटाले ने स्थानीय किसान समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। कई किसानों ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाए। स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।