शेयर बाजार में हाहाकार के बीच तुहिन पांडेय ने संभाली SEBI की कमान, बाजार की बदहाली को लेकर कही ये बात….

जनवरी से अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। तुहिन कांत पांडे के लिए बाजार की यह ऐतिहासिक गिरावट एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

SEBI Chairperson

SEBI Chairperson : शेयर बाजार में मचे हाहाकार के बीच वरिष्ठ नौकरशाह तुहिन कांत पांडे ने पूंजी बाजार नियामक सेबी के 11वें चेयरमैन के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर उन्होंने पारदर्शिता और टीम-वर्क पर विशेष ध्यान देने का वादा किया। पांडे ऐसे समय में सेबी की कमान संभालेंगे जब विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा निकासी के कारण बाजार में मंदी का दबाव बढ़ रहा है।

SEBI के नए चेयरमेन ने क्या कहा ?

इस साल जनवरी से अब तक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। तुहिन कांत पांडे के लिए इस बाजार संकट का सामना करना एक बड़ी चुनौती होगा, जहां निवेशकों को सुरक्षा और विश्वास प्रदान करना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। सेबी के नए चेयरमैन ने अपनी जिम्मेदारी संभालते हुए कहा कि उन्हें सेबी को एक मजबूत और विश्वसनीय संस्थान बनाने का लक्ष्य है, जिसे दशकों से विभिन्न दिग्गजों ने आकार दिया है।

कुछ महीनों पहले SEBI कर्मचारियों ने किया था प्रदर्शन

उन्होंने अपने कार्यकाल में चार मुख्य तत्वों – विश्वास, पारदर्शिता, टीम-वर्क और प्रौद्योगिकी – को प्राथमिकता देने का ऐलान किया। उनका मानना है कि ये चार बिंदु सेबी को एक विशिष्ट और उत्कृष्ट संस्थान बनाएंगे। हालांकि, अपने कार्य-एजेंडे या कार्यशैली को लेकर उन्होंने किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इंकार किया।

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पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के कार्यकाल के दौरान अनियमितताओं के आरोपों का सामना करना पड़ा था, और पिछले कुछ महीनों में सेबी के कर्मचारियों द्वारा प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी देखा गया था। तुहिन कांत पांडे ओडिशा कैडर के 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं और उनका कार्यकाल तीन साल का है। वे वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग के सबसे वरिष्ठ अधिकारी रहे हैं और निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) में सबसे लंबे समय तक सचिव के रूप में सेवा देने वाले अधिकारी हैं।

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