संसद में मर्यादा तार-तार… जानिए कौन है दानिश अली जिसे देखकर भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने खोया अपना आपा

भाजपा के नेता खुदा इस लबयान का विरोध कर रहे हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि जिस तरह के अपश्ब्द रमेशष बिधूड़ी ने बोले है वो गलत है।

भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा लोकसभा में बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला अब तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। बता दें कि भाजपा के नेता खुदा इस बयान का विरोध कर रहे हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि जिस तरह के अपश्ब्द रमेश बिधूड़ी (Ramesh Bidhuri) ने बोले है वो गलत है। इसी कड़ी में बाजपा सांसद निशिकांत दुबे भी जुड़ गए हैं। भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने रमेश बिधूड़ी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि ये टिप्पणी बहुत गलत थी।

बीजेपी ने भी रमेश बिधूड़ी कि टिप्पणी को बताया गलत

वहीं निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से बसपा सांसद के अशोभनीय शब्दों और आचरण की भी जांच करने की अपील की। इतना ही नहीं बल्कि रमेश बिधूड़ी की लोकसभा में टिप्पणी के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी खेद प्रकट किया था। हालांकि, सदन की कार्यवाही के एक दिन बाद विवाद बढ़ने पर भाजपा नमेम बुधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा है।

जानिए रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली को क्या कुछ कहा

ओ …, ओए उग्रवादी बीच में मत बोलना, ये आतंकवादी-उग्रवादी है, ये मुल्ला आतंकवादी है…इसकी बात नोट करते रहना अभी बाहर देखूंगा। इस मुल्ले को। अरे.. अरे घबराइए मत ये शब्द हमारे नहीं हैं, ये बोल थे केंद्र की सत्ता पर आसीन भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सांसद रमेश बिधूड़ी के। श्रीमान जी संसद में दक्षिण दिल्ली का प्रतिनिधित्व करते हैं। जिस तरह के सड़क छाप शब्दों का उन्होंने लोकसभा में इस्तेमाल किया।

वहीं वीडियों में देखा जाए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल बिधूड़ी ने किया है उसे देखकर तो यही लग रहा है कि वो उनके धर्म पर वार कर रहे हैं या फिर किसी बात का बदला ले रहे हैं। देखा जाए तो विपक्ष हर बार पलटवार करता हैं, लेकिन जिस तरह से विपक्ष के पलटवार पर रमेश बिधूड़ी के बोल बिगड़े क्या वो सांसद के पद पर तैनात इतना आ मर्यादित होनमा शोभा देता है। वहीं इसे सुनकर पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने मुस्कान बिखेरा जहां दृश्य बहुत से लोगों को नागवार गुजरा।

जानिए कौन हैं दानिश अली

दानिश अली बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर साल 2019 का लोकसभा चुनाव अमरोहा से जीतकर संसद पहुंचे हैं। वो पहली बार सांसद बने हैं। बहुजन समाज पार्टी में वो पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही शामिल हुए थे, वो भी अपनी पुरानी पार्टी जनता दल के मुखिया से आशिर्वाद लेकरप

जी हां, कुँवर दानिश अली पहले जनता दल के नेता थे। वनो पार्टी में महासचिव के पद पर थे। उन्होंने कर्नाटक में जनता दल और कॉन्ग्रेस के बीच तालमेल बिठाकर सरकार बनाने में नअहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने साल 2019 में भाजपा के कँवर सिंह तँवर को हराकर मोदी लहर के बावजूद सपा-बसपा-कॉन्ग्रेस की जुगलबंदी का फायदा उठाकर जीत हासिल की थी।

विवादों से रहा पुराना नाता

दानिश अली हमेशा वि्वादों में रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी की थी, तो उत्तर प्रदे्श के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाप भी जहर उगले थे। हालांकि इस साल वो दो बार विवादों में आए। इस साल फरवरी माह में उन्होंने टीपू सुल्तान की कब्र का दौरा किया। उन्होंने कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष को ललकारते हुए खुद को टीपू सुल्तान का ‘प्राउड फॉलोवर’ बताया था।‘

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भारत माता की जय’ का मंच से किया था विरोध

बीते अगस्त माह में ही कुँवर दानिश अली ने अमरोहा में ‘भारत माता की जय‘ के नारे पर आपत्ति जताई थी। यही नहीं उन्होंने एक कार्यक्रम में भारत माता की जय का नारा लगाने पर आपत्ति करते हुए जमकर हंगामा किया था। उन्होंने कहा कि चूँकि ये सरकारी कार्यक्रम है, इसलिए ‘भारत माता की जय’ का नारा न लगाया जाए। उनकी इस हरकत पर गुस्साई भाजपा ने उन्हें जिहादी करार दिया था।

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