Uttarakhand News: चमौली में 60 मीटर लंबा निर्माणाधीन बैली ब्रिज ढहा, संपर्क कटने से 4000 की आबादी खौफजदा

उत्तराखंड के चमौली जिले की थराली तहसील स्थित रतगांव के ढाढरबगड़ गदेरे में बैली ब्रिज का निर्माण कार्य जारी था। बृहस्पतिवार को पुल अचानक ढह गया।

देहरादून ऑनलाइन डेस्क। उत्तराखंड के चमौली जिले की थराली तहसील स्थित रतगांव के ढाढरबगड़ गदेरे में बैली ब्रिज का निर्माण कार्य जारी था। बृहस्पतिवार को पुल अचानक ढह गया। जिसके चलते 4000 से अधिक की आबादी का संपर्क जनपद से पूरी तरह से कट गया। लोग दहशत में है तो वहीं लोक निर्माण विभाग ने ठेकेदार के खिलाफ थाना थराली में तहरीर देकर एफआईआर दर्ज करवाई है।

चमौली जिले की थराली तहसील के ढाढरबगड़ में लगभग 60 मीटर लंबा बेली ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा था। पीडब्ल्यूडी विभाग ने पुल का टेंडर निकाला थ। बेली ब्रिज की लागत 2.80 करोड़ों रुपये थी। बृहस्पतिवार को बेली ब्रिज अचानक क्षतिग्रस्त हो गया। जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। पुल के टूटने से रतगांव की 4000 से अधिक आबादी का मुख्य मार्ग से संपर्क कट गया है। सूचना पर पीडब्ल्यूडी के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जांच के बाद ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है।

बताया जा रहा है कि निर्माणाधीन बैली ब्रिज से ठेकेदार के श्रमिकों ने रस्से और सपोर्ट एक साथ हटा दिए। इसकी वजह से पुल भार नहीं सह सका और टूटकर गदेरे में जा गिरा। लोक निर्माण विभाग ने 2 महीने पहले ही इस बेली ब्रिज का निर्माण शुरू किया था और लगभग यह काम पूरा हो गया था, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते यह पल ढह गया और टूट कर गधेरे में जा गिरा। गनीमत यह रही कि इस दौरान पुल पर कोई नहीं था अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।

बता दें, वर्ष 2013 में डूंगरी रत गांव मोटर मार्ग पर इसी स्थान पर पुलबनाया गया, जो अतिवृष्टि के कारण बाढ़ में बह गया था। इसके बाद 2015-16 में बैली ब्रिज का निर्माण किया गया था, जो वर्ष 2018 में आई आपदा में बह गया था। इस आपदा में ढाढरबगड़ की कई दुकानें, आवासीय भवन और वाहन भी बह गए थे। बरसात के दौरान अकसर इस गांव का संपर्क कटा रहता था। ग्रामीणों द्वारा हर बरसात में उत्पन्न होने वाली इस समस्या के चलते यहां पर ब्रिज बनाने की मांग की जा रही थी।

ग्रामीणों की मांग पर शासन ने 2024 में 60 मीटर लंबे बैली ब्रिज बनाने की स्वीकृति दी थी। दो महीने पहले इस पर काम शुरू हुआ, लेकिन लापरवाही के चलते यह बेली ब्रिज भी टूट कर गदेरे में जा गिरा। सहायक अभियंता जगदीश कुमार टम्टा के अनुसार ठेकेदार ने बैली ब्रिज के सपोर्ट और वर्थ को एक साथ हटा दिया था जिसकी वजह से पुल टूट गया। अब फिर से पुल को खोला जा रहा है और नए सिरे से जोड़ने का काम शुरू किया जाएगा। वहीं स्थानीय लोगों ने पहले ब्रिज निर्माण की जांच की मांग के साथ ही बरसात से पहले पुल निर्माण करने की मांग की है।

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