Dr. George P. Abraham found dead at his farmhouse-केरल के प्रसिद्ध नेफ्रोलॉजिस्ट और वरिष्ठ सर्जन डॉ. जॉर्ज पी. अब्राहम अपने फार्महाउस में मृत पाए गए। वे 74 वर्ष के थे और कोच्चि के एक जाने-माने निजी अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सर्जन के रूप में कार्यरत थे। अपने चिकित्सा सेवाओं के जरिए उन्होंने हजारों मरीजों की ज़िंदगी बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी मृत्यु की खबर से चिकित्सा जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
भाई के साथ फार्महाउस गए थे
रविवार शाम डॉ. अब्राहम अपने भाई के साथ नेदुंबसेरी के पास थुरुटिसेरी स्थित फार्महाउस पहुंचे थे। कुछ समय बाद उन्होंने अपने भाई को घर छोड़ने के लिए कहा और रात में अकेले रहने का फैसला किया। अगली सुबह जब संपर्क करने की कोशिश की गई, तो कोई जवाब नहीं मिला। बाद में, उन्हें अपने फार्महाउस में मृत पाया गया।
सुसाइड नोट में लिखी वजह
पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने अपने मेडिकल करियर में आ रही दिक्कतों का जिक्र किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, छह महीने पहले उनकी पीठ की सर्जरी हुई थी, जिसके बाद से उनके हाथ कांपने लगे थे। इस वजह से वे सर्जरी ठीक से नहीं कर पा रहे थे, जिससे वे काफी मानसिक तनाव में थे। उन्होंने लिखा कि वे पहले जैसी दक्षता के साथ मेडिकल करियर जारी रखने में संघर्ष कर रहे थे, जो उनके लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया था।
2,500 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट किए थे
डॉ. जॉर्ज पी. अब्राहम अपने क्षेत्र में एक प्रसिद्ध सर्जन थे। उन्होंने अपने करियर में 2,500 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट किए थे और वे दुनिया के तीसरे ऐसे सर्जन थे, जिन्होंने जीवित डोनर से लेप्रोस्कोपिक किडनी ट्रांसप्लांट किया था। उनके इस महत्वपूर्ण योगदान ने नेफ्रोलॉजी क्षेत्र में एक नई दिशा दी थी। उनके रोगी और सहकर्मी उन्हें एक समर्पित, अनुभवी और कुशल चिकित्सक के रूप में याद कर रहे हैं।
चिकित्सा जगत में शोक की लहर
उनकी मृत्यु से मेडिकल फील्ड में गहरा शोक फैल गया है। उनके सहयोगी, छात्र और मरीज उन्हें एक बेहतरीन इंसान और समर्पित सर्जन के रूप में याद कर रहे हैं। कई डॉक्टरों और मेडिकल संस्थानों ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है।
डॉ. अब्राहम ने अपनी पूरी जिंदगी चिकित्सा सेवा को समर्पित की थी। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने हजारों मरीजों का इलाज किया और कई परिवारों को नई जिंदगी दी। उनका जाना मेडिकल फील्ड के लिए एक अपूरणीय क्षति है, जिसे भर पाना मुश्किल होगा।