देहरादून ऑनलाइन डेस्क। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जमीन घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है। सीएम ने डीएम, एसडीएम, नगर आयुक्त समेत 12 अफसरों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सीएम के इस एक्शन से जहां नौकरशाही में दहशत है तो वहीं सोशल मीडिया में लोग सरकार की जमकर सराहना कर रहे हैं। यूजर्स लिख रहे हैं कि रूपहले पर्दे के बजाए प्रदेश की जनता को रियल में नायक मिल गया है। अब कोई भी भ्रष्टाचार करने से पहले सौ बार सोचने पर मजबूर होगा।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, उत्तराखंड के हरिद्वार में बड़ा जमीन घोटाला सामने आया था। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड शासन के सचिन रणवीर को जांच के आदेश दिए थे। सचिव ने अपने 100 पेज की रिपोर्ट सीएम धामी को सौंपी। रिपोर्ट में दावा किया गया कि अधिकारियों ने 14 करोड़ कीमत की जमीन के एक टुकड़े को 54 करोड़ रुपये में खरीदा। जमीन की खरीदारी के वक्त नियमों को ताक पर रखा गया। तिजोरी भरने की लालच में अफसरों ने फेराफेरी की। रिपोर्ट मिलने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दो आईएएस, एक पीसीएस समेत सभी सीनियर अधिकारियों को एक साथ निलंबित कर दिया।
हरिद्वार नगर निगम के अफसरों ने की फेराफेरी
हरिद्वार नगर निगम ने एक ऐसी जमीन खरीदी जो किसी काम की नहीं थी। उसे भी बहुत ऊंचे दाम पर खरीदा गया। जमीन की कोई खास जरूरत भी नहीं थी। खरीद में नियमों का भी पालन नहीं किया गया। जांच के बाद रिपोर्ट मिलते ही सरकार ने तुरंत कार्रवाई की। हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, पूर्व नगर आयुक्त वरुण चौधरी और एसडीएम अजयवीर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया। इसके अलावा, वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट, कानूनगो राजेश कुमार, तहसील प्रशासनिक अधिकारी कमलदास, और वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक विक्की को भी सस्पेंड किया गया है। उत्तराखंड में ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार ने अपने ही सिस्टम में बैठे इतने बड़े अफसरों पर सीधी कार्रवाई की है।
कुछ इस तरह से बोले सीएम धामी
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस पूरे मामले की जांच अब विजिलेन्स करेगी। विजिलेन्स की रिपोर्ट आने के बाद और भी कार्रवाई हो सकती है। सरकार इस घोटाले की तह तक जाना चाहती है और दोषियों को सजा दिलाना चाहती है। सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश के घोटालेबाजों और भ्रष्टाचारियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। जो भी जनता के पैसे की चोरी करेगी उसे सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी सरकार की निति बिलकुल स्पष्ट है। आरोपी चाहे जितने बड़े पद पर क्यों न हो उसे भी सजा मिलेगी।
कार्मिक विभाग ने चलाया चाबुक
सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद, कार्मिक विभाग ने मंगलवार को हरिद्वार नगर निगम के तत्कालीन प्रशासक और मौजूदा डीएम कर्मेंद्र सिंह, तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण चौधरी, हरिद्वार के तत्कालीन एसडीएम अजयवीर सिंह, वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट, वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक विक्की, रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश कुमार, हरिद्वार तहसील के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कमलदास को निलंबित कर दिया है। सीएम के इस एक्शन की उत्तराखंड के साथ पूरे देश में प्रशंसा की जा रही है। लोग धामी की तुलना नायक फिल्म के अनिल कपूर से कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक्शन की फोटा और वीडियो भी शेयर किए जा रहे है।
इन पर गिरी गाज
कर्मेन्द्र सिंह – जिलाधिकारी और तत्कालीन प्रशासक नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
वरुण चौधरी – तत्कालीन नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
अजयवीर सिंह- तत्कालीन, उपजिलाधिकारी हरिद्वार (निलंबित)
निकिता बिष्ट – वरिष्ठ वित्त अधिकारी, नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
विक्की दृ वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक (निलंबित)
राजेश कुमार – रजिस्ट्रार कानूनगो, तहसील हरिद्वार (निलंबित)
कमलदास दृमुख्य प्रशासनिक अधिकारी, तहसील हरिद्वार (निलंबित)
इन पर भी हो चुकी है कार्रवाई
रविंद्र कुमार दयाल- प्रभारी सहायक नगर आयुक्त (सेवा समाप्त)
आनंद सिंह मिश्रवाण- प्रभारी अधिशासी अभियंता (निलंबित)
लक्ष्मी कांत भट्ट्- कर एवं राजस्व अधीक्षक (निलंबित)
दिनेश चंद्र कांडपाल- अवर अभियंता (निलंबित)
वेदपाल- सम्पत्ति लिपिक (सेवा विस्तार समाप्त)