लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। डिफेंस कॉरिडोर जमीन घोटाले में आईएएस अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। राजस्व परिषद के अध्यक्ष रजनीश दुबे ने घोटाले की जांच की। जिसमें उन्होंने निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश समेत 15 अफसरों को दोषी पाया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजस्व परिषद के अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे की जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारियों के निलंबन के निर्देश जारी कर दिए हैं। अगले कुछ घंटे के अंदर इन्हें सस्पेंड किया जा सकता है। अभिषेक प्रकाश की वसूली रैकेट में बिचौलियों के अलावा तत्कालीन एडीएम (प्रशासन) अमर पाल सिंह, 4 तत्कालीन एसडीएम और 4 तत्कालीन तहसीलदारों के साथ ही अन्य अधिकारी भी शामिल है।
क्या है डिफेंस कारिडोर भूमि अधिग्रहण घोटाला
दरअसल, लखनऊ डिफेंस कॉरिडोर के लिए सरोजनी नगर तहसील में भटगांव ग्राम पंचायत का चयन किया गया था। ब्रम्होस मिसाइल के अलावा रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कई कंपनियां अपने लिए भूमि तलाश रही थीं। इससे भटगांव में भूमि की दरें आसमान छूने लगीं थीं। भूमि की बढ़ती कीमतों को देखते हुए भू-माफिया सक्रिय हो गए और तहसील अफसरों की मिलीभगत से कॉरिडोर के लिए जिस जगह भूमि का अधिग्रहण होना था, वहां किसानों से सस्ती दर में भूमि खरीद ली गई थी। उसके बाद मुआवजे के तौर पर मोटी रकम ऐंठी गई थी। इनमें कई अफसरों ने अपने नौकरों व रिश्तेदारों के नाम पर भी जमीन ली थी। भटगांव की करीब 35 हेक्टेअर जमीन के लिए 45.18 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे। इसमें से करीब 20 करोड़ की गड़बड़ी पाई गई थी।
18 अधिकारियों को बनाया गया आरोपित
भूमि अधिग्रहण में किए गए घोटाले की जांच सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष डा. रजनीश दुबे से कराई थी। डॉक्टर रजनीश दुबे ने मौके पर जाकर जांच-पड़ताल की। जिसमें उन्हें भ्रष्टाचार के अहम सुराग हाथ लगे। बीते वर्ष अगस्त माह में उन्होंने शासन को भेज दी थी। 83 पन्नों की जांच रिपोर्ट में अभिषेक प्रकाश सहित 18 अधिकारियों को आरोपित बनाया था। जांच में सुनियोजित षडयंत्र के तहत किए गए घोटाले में क्रय समिति के अध्यक्ष और तत्कालीन तहसीलदार सरोजनी नगर को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया था। इनमें एक तत्कालीन एडीएम, चार एसडीएम, चार तहसीलदार, एक नायब तहसीलदार, तीन कानूनगो व दो लेखपाल शामिल हैं।
इन्हें पाया गया दोषी
इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं। इनके निलंबन के आदेश जल्द जारी हो सकते हैं। सीएम योगी नेघोटाले में शामिल भूमाफिया के विरुद्ध भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इनसे मुआवजे की राशि भी वसूली जाएगी। घोटाले में तत्कालीन एडीएम (प्रशासन) अमरपाल सिंह को भी दोषी ठहराया गया है। इसके अलावा तत्कालीन एसडीएम संतोष कुमार सिंह, शंभू शरण सिंह, आनंद कुमार सिंह, देवेंद्र कुमार को भी दोषी ठहराया गया है। वहीं चार तत्कालीन तहसीलदार विजय कुमार सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, उमेश कुमार सिंह व मनीष त्रिपाठी के विरुद्ध भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए
तत्कालीन नायब तहसीलदार कविता ठाकुर, तत्कालीन लेखपाल हरीश्चंद्र व ज्ञान प्रकाश को भी दोषी ठहराया गया है। तत्कालीन कानूनगो राधेश्याम व जितेंद्र सिंह तथा नैंसी शुक्ला के विरुद्ध भी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। घोटाले को लेकर सरोजनी नगर सब रजिस्ट्रार कार्यालय में उस वक्त तैनात कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोटाले में शामिल सभी कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। घोटाले की प्रारम्भिक जांच में मंडलायुक्त ने भी इसे सुनियोजित षडयंत्र बताया था।
सरकार ने अभिषेक प्रकाश को किया सस्पेंड
बता दें, लखनऊ के डीएम रहे आईएएस अभिषेक प्रकाश को यूपी सरकार ने बीते दिनों सस्पेंड कर दिया है। अभिषेक 2006 बैच के आईएएस अफसर है। लखनऊ के जिलाधिकारी रह चुके है। उनके डीएम रहते हुए सरोजनीनगर क्षेत्र में डिफेंस कॉरिडोर की जमीन का अधिग्रहण हुआ था। आईएएस अभिषेक प्रकाश एलडीए के वीसी और लखनऊ डीएम के पद पर एक साथ तैनात रह चुके हैं। अभिषेक प्रकाश सरकार के खास होने के चलते काफी समय तक लखनऊ के जिलाधिकारी रहे चुके हैं। वह एन्वेस्ट यूपी के सीईओ थे। आरोप है कि बिचौलिए के जरिए अभिषेक प्रकाश ने एक कारोबारी से पांच फीसदी का कमीशन मांगा था।