Imran Masood : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के खिलाफ विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं। यह मामला 10 साल पहले, 2014 में, तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई गंभीर टिप्पणी से जुड़ा है। वायरल वीडियो में इमरान मसूद यह कहते हुए दिखाई दिए थे कि गुजरात में मुसलमानों का प्रतिशत 4 है, जबकि सहारनपुर में यह 42 प्रतिशत है, और उन्होंने यह भी कहा कि “यहां बोटी-बोटी काट देंगे”।
विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने इसी वीडियो के संदर्भ में आरोप तय किए हैं, और अब इस मामले में सुनवाई होगी। कोर्ट ने जिन धाराओं के तहत इमरान मसूद के खिलाफ आरोप लगाए हैं, उनमें 5 से 7 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। यदि अदालत में इन आरोपों को सिद्ध किया जाता है, तो इससे इमरान मसूद की सांसद की कुर्सी भी खतरे में पड़ सकती है।
मामले में होगी कार्यवाही
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के खिलाफ विशेष जज एमपी-एमएलए मोहित शर्मा की अदालत में आरोप तय कर दिए गए हैं। अब इस मामले में साक्ष्यों का प्रस्तुति और गवाही होगी। 10 साल पहले, इमरान मसूद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक विवादित बयान दिया था। यह बयान उन्होंने वर्ष 2014 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते समय देवबंद में एक चुनावी सभा में दिया था। इस मामले के चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। इसके अलावा, उन्होंने अनुसूचित जाति के दो विधायकों पर भी अभद्र टिप्पणियाँ की थीं।
कब और कहां दिया था ये बयान ?
विशेष लोक अभियोजक एमपी-एमएलए कोर्ट गुलाब सिंह के अनुसार, वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान मौजूदा कांग्रेस सांसद इमरान मसूद(Imran Masood) ने देवबंद के गांव लबकरी में एक चुनावी सभा में यह बयान दिया था। इस सभा में उन्होंने उस समय के गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। इसके अलावा, उन्होंने उसी सभा में बसपा के दो विधायकों पर भी अभद्र टिप्पणी की थी।
इमरान मसूद के विवादित बयान के मामले में, तत्कालीन कोतवाली प्रभारी देवबंद कुसुमवीर सिंह ने 27 मार्च 2014 को उनके खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन, माहौल खराब करने की कोशिश और अनुसूचित जाति के विधायकों के बारे में जातिसूचक शब्द कहने के आरोप में केस दर्ज कराया था। इस मामले के तहत इमरान मसूद को जेल भी जाना पड़ा था। अब विशेष जज एमपी-एमएलए मोहित शर्मा की अदालत ने इस मामले में चार्ज फ्रेम किया है।
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इमरान मसूद के विवादित बयान के बाद देशभर की राजनीति में हलचल मच गई थी। कांग्रेस नेता के इस बयान ने उस समय काफी ध्यान आकर्षित किया था और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। विशेष लोक अभियोजक एमपी-एमएलए कोर्ट गुलाब सिंह ने बताया कि इस मामले में 19 ग्रामीणों की गवाही भी हो चुकी है। कई बार सुनवाई के लिए तारीखें निर्धारित की जा चुकी हैं। सोमवार को सांसद इमरान मसूद भी अदालत में उपस्थित हुए थे, जहां कोर्ट ने उनकी डिस्चार्ज एप्लिकेशन को खारिज करते हुए आरोप तय किया।