नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। लंदन के ओवल मैदान में पांच दिन तक कई रंग देखे। इस स्टेडियम में अनगिनत रिकार्ड बने और कई रिकार्ड भी टूटे। करोड़ों क्रिकेट फैंस की सांसे अटकीं। मैदान पर खिलाड़ियों के साथ अंपायर पसीना-पसीना हुए। एक ऐसा भी दृश्य सामने आया, जब एक हाथ से पैट पकड़कर वोक्स 22 गज की पिच पर उतरे। अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए दर्द में भी वह दौड़े। एक समय ऐसा भी आया, जब टीम इंडिया के धाकड़ गेंदबाज मोहम्मद सिराज सरेंडर करने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने कसम खाई थी कि अंग्रेजों से बदला लेना है। कुछ भी हो जाए अब पीछे हटना नहीं है। भारत को जीत दिलाकर ही पवेलियन वापस लौटना है। मिया मैजिक का मैजिक चला और ओवल टेस्ट भारत ने अपने नाम कर इतिहास रच दिया।
ओवल के मैदान में कई खिलाड़ियों ने जौहर दिखाए। किसी ने बैट से तो किसी ने अपनी गेंद से जलवा बिखेरा। इन्हीं खिलाड़ियों में से एक हैं टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज। जिन्होंने ओवल में सबकुछ पलट दिया। कातिलाना गेंदबाजी की। सीरीज में सबसे ज्यादा ओवर डाले। जब-जब टीम के कप्तान ने उन्हें गेद सौंपी, तब-तब मोहम्मद सिराज ने अपने कैप्टन को निराश नहीं किया। ओवल के मैदान में टीम इंडिया हार की तरफ बढ़ रही थी। कप्तान और कोच के चेहरे उतरे हुए थे। लेकिन मिया मैजिक मुस्करा रहे थे। उन्हें यकीन था कि वह भारत को किसी भी कीमत पर हारने नहीं देंगे। उनकी मुस्कान रंग लाई और इंग्लैंड ये मुकाबला 6 रनों से हार गया।
इंग्लैंड का ये दौरा स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को हमेशा-हमेशा के लिए याद रहेगा। सिर्फ सिराज ही नहीं, बल्कि भारतीय फैंस के जहन में भी ये दौरा और सिराज का प्रदर्शन जिंदगी भर के लिए बसा रहेगा। सिराज ने 5 टेस्ट मैच की इस सीरीज में सबसे ज्यादा 23 विकेट लिए और इसमें भी खास तौर पर ओवल टेस्ट में जिस तरह से उन्होंने टीम को जीत दिलाई, उसने सिर्फ भारतीय फैंस ही नहीं, बल्कि हर देश के क्रिकेट फैंस के दिलों में छाप छोड़ी। ओवल टेस्ट में मैच जिताऊ प्रदर्शन के लिए सिराज को प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिला। लेकिन सिराज ने इस अवॉर्ड में सिर्फ मेडल ही लिया और शैंपेन की बोतल को हाथ नहीं लगाया।
दरअसल, इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड हर टेस्ट मैच में प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड जीतने वाले को मेडल के साथ ही शैंपेन की बोतल भी देता है। मगर सिराज ने ये बोतल नहीं ली और उन्होंने ऐसा धार्मिक मान्यताओं के कारण किया। इस्लाम धर्म में शराब को ‘हराम’ या अपवित्र माना जाता है और क्रिकेट से लेकर फुटबॉल तक हर खेल में कई मुस्लिम खिलाड़ी अवॉर्ड या टूर्नामेंट जीतने पर शैंपेन सेलिब्रेशन से दूर रहते हैं। सिराज ने भी अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करते हुए शैंपेन नहीं ली। मोहम्मद सिराज के इस फैसले की सोशल मीडिया में जमकर सराहना हो रही है। फैंस लिख रहे हैं कि मोहम्मद शमी को सिराज से सीखना चाहिए। टीम इंडिया के लाला को भी इन सभी चीजों से तौबा कर लेनी चाहिए।
अगर ओवल मैच की बात करे तो सिराज इस मैच में सबसे सफल गेंदबाज रहे और साथ ही टीम इंडिया को जीत तक भी ले गए। सिराज का ये प्रदर्शन मैच में शतक लगाने वाले यशस्वी जायसवास, जो रूट, हैरी ब्रूक और 5-5 विकेट लेने वाले इंग्लैंड के जॉश टंग और गस एटकिंसन पर भारी पड़ा। भारतीय गेंदबाज को इस लाजवाब गेंदबाजी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड दिया गया। सिराज ने ओवल में कुल 9 विकेट अपने नाम किए। जबकि प्रसिद्ध कृष्णा भी चमके और 8 विकेट चटकाए। जानकारों का कहना है कि जब-जब टीम में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी नहीं होते, तब-तब सिराज टीम के खेवनहार बनते हैं। इंग्लैंड की धरती पर उन्होंने दो बार अकेले टीम को जीत दिलाने में अहम रोल निभाया।