कानपुर। दिल्ली ब्लास्ट की जांच अब बहुत तेज हो गई है और देश के कई राज्यों तक फैल चुकी है। जांच एजेंसियां सफेद कॉलर टेरर मॉड्यूल के द एंड को लेकर बड़ा ऑपरेशन चलाए हुए हैं। इसी कड़ी में यूपी एसटीएस ने देररात कानपुर स्थित एक घर पर छापा मारा। यहां से कानपुर के हृदय रोग संस्थान में तैनात कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मोहम्मद आरिफ को दबोच लिया। सूत्र बताते हैं कि डॉक्टर आरिफ के संबंध लेडी डॉक्टर शाहीन और उसके भाई परवेज थे। शाहीन के साथ वह टेलीग्राम में जुड़े हुए थे।
कौन है डॉक्टर आरिफ
डॉक्टर आरिफ जम्मू-कश्मीर का निवासी है और कानपुर के अशोक नगर इलाके में किराए के फ्लैट में रह रहा था। यूपी एटीएस दिल्ली ब्लास्ट के बाद शहर में ढेर जमाए हुए थी। कानपुर पुलिस के साथ संदिग्धों पर नजर रखे थे। इसी के तहत देररात यूपी एटीएस ने डॉक्टर आरिफ के घर पर छापा मारा और उसे हिरासत में ले लिया। सूत्रों के मुताबिक, आरिफ का नाम उस समय सामने आया जब एटीएस ने पहले से गिरफ्तार डॉ. शाहीन सईद के फोन रिकॉर्ड खंगाले। जांच में पता चला कि डॉक्टर आरिफ शाहीन और उसके आतंकी भाई परवेज के संपर्क में लंबे समय से था।
अनंतनाग का रहने वाला है आरिफ
जानकारी के मुताबिक, आरिफ जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के रहने वाले हैं। आरिफ नीट 2024 बैच का छात्र है और गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (ळैटड) के कार्डियोलॉजी विभाग से जुड़ा हुआ है। एटीएस को शक है कि आरिफ भी किसी न किसी रूप में इन गतिविधियों से जुड़ा हो सकता है। एजेंसियों ने आरिफ का लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, इन उपकरणों से संदिग्ध डेटा मिला है। फिलहाल एटीएस डॉक्टर आरिफ को पूछताछ के लिए दिल्ली ले गई है, जहां दिल्ली ब्लास्ट में पकड़े गए आरोपियों के आमने-सामने बैठाकर सवाल-जवाब किए जाएंगे।
और हैलट परिसर में खलबली मच गई
कानपुर मेडिकल कॉलेज से जुड़ी नई जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर आरिफ इस साल ही अनंतनाग से हृदय रोग में डीएम की पढ़ाई के लिए आए थे। कॉलेज प्रशासन और सहकर्मी डॉक्टरों के अनुसार, वह शांत स्वभाव के छात्र थे। अपनी क्लास लेते थे और काम से काम रखते थे। उनसे पहले भी हर साल कश्मीर से छात्र यहां पढ़ने आते हैं। हालांकि, आरिफ को आए हुए महज़ पांच से छह महीने ही हुए हैं, लेकिन एटीएस की कार्रवाई के बाद पूरे मेडिकल कॉलेज और हैलट परिसर में खलबली मच गई। पुलिस और जांच एजेंसियां दिनभर कैंपस में पूछताछ करती रहीं। कई डॉक्टरों से सवाल-जवाब हुए हैं।
टीमों ने डेरा डाल दिया है
चर्चा ये भी रही कि दो से तीन अन्य रेजीडेंट डॉक्टरों को भी पूछताछ के लिए उठाया गया। इनमें से कुछ को बाद में छोड़ दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद डॉक्टरों में दहशत और चर्चा का माहौल है। फिलहाल, जांच एजेंसियां किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुँची हैं, लेकिन कानपुर से लेकर दिल्ली तक सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें अब मेडिकल नेटवर्क पर भी टिकी हुई हैं। उधर, कानपुर में एटीएस और एनआईए की टीमों ने डेरा डाल दिया है। सूत्रों का कहना है कि डॉ. शाहीन से जुड़े नेटवर्क की कड़ियां खोजने के लिए जांच जारी है। इनसब के बीच कानपुर पुलिस भी ऑपरेशन चलाए हुए है और करीब आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है।
कौन है डॉ. शाहीन सईद
शाहीन लखनऊ के कैसरबाग इलाके के कंधारी बाजार की रहने वाली है। उसके पिता शाहिद अहमद अंसारी, उत्तर प्रदेश हेल्थ डिपार्टमेंट में कर्मचारी थे। परिवार के अनुसार, शाहीन शुरू से ही पढ़ाई में तेज थी और डॉक्टर बनना चाहती थी। उसने लखनऊ के लालबाग स्थित गर्ल्स स्कूल से पढ़ाई की, जहां वह 10वीं और 12वीं दोनों में टॉपर रही। बाद में उसने सीपीएमटी परीक्षा पास की और प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और एमडी की डिग्री हासिल की। शाहीन कानपुर मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात रही। शाहीन कुछ माह कन्नौज मेडिकल कॉलेज में भी नौकरी की।
मुलाकात डॉ. मुजम्मिल गनाई से हुई
साल 2013 के बाद शाहीन अचानक कई दिनों तक कॉलेज से गायब रहने लगी। कई बार नोटिस भेजे गए, पर कोई जवाब नहीं मिला। आखिरकार अनुशासनहीनता और ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में उसे 2021 में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद वह फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनी। यहीं उसकी मुलाकात डॉ. मुजम्मिल गनाई से हुई जो अब फरीदाबाद मॉड्यूल का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है। हाल ही में गिरफ्तार डॉ. शाहीन सईद के पास से पुलिस को एके-47 राइफल, पिस्टल, जिंदा कारतूस और संदिग्ध सामग्री बरामद हुई थी। शाहीन जैश से जुड़ी हुई थी और आतंकी संगठन की इंडिया चीफ थी।
डॉ. जफर सईद से हुआ था निकाह
शाहीन का निकाह 2004 में प्रयागराज के नेत्र चिकित्सक डॉ. जफर सईद से हुआ था, लेकिन दोनों का 2015 में तलाक हो गया। तलाक के बाद वह लखनऊ में अपने परिवार के साथ रह रही थी, लेकिन पिछले डेढ़ साल से परिवार से उसका संपर्क टूट गया था। पूर्व पति डॉ. जफर ने बताया कि शाहीन धीरे-धीरे धार्मिक और कट्टर विचारों की तरफ झुकने लगी थी। वह मुस्लिम लड़कियों को हिजाब और बुर्का पहनने की सलाह देने लगी थी। जबकि उसके पुराने साथी बताते हैं कि पहले वह खुली सोच और प्रोग्रेसिव विचारों वाली थी और बुर्के के खिलाफ रहती थी।डॉ. मुजम्मिल गनाई की निशानदेही पर शाहीन को गिरफ्तार किया गया था।
आतंकी नेटवर्क से जुड़ा कोई बड़ा प्लान
अब एटीएस यह पता लगाने में जुटी है कि शाहीन और आरिफ के बीच किस तरह का संपर्क था और क्या दोनों किसी बड़े नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। फिलहाल, एटीएस ने डॉ. आरिफ को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। दोनों डॉक्टरों के बीच हुई बातचीत, फोन कॉल्स और सोशल मीडिया चैट्स की गहराई से जांच की जा रही है। एटीएस और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या यह आतंकी नेटवर्क से जुड़ा कोई बड़ा प्लान था। बताया जा रहा है कि एटीएस की रडार पर कानपुर में और डॉक्टर्स हैं, जिन्हें कभी भी हिरासत में लिया जा सकता है।









