UP Election 2022: कारोबार के मामले में पहचान बनाने वाले बुलंदशहर का जाने सियासी समीकरण

बुलंदशहर: बुलंदशहर पश्चिमी यूपी का वो जिला है जिसकी पहचान कारोबार के मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है। बुलंदशहर से कई बड़े-बड़े दिग्गज नेता भी निकले हैं। इस जिले में 7 विधानसभा सीटें आती है इनमें सिकंदराबाद, बुलंदशहर, स्याना, अनूपशहर, डिबाई, शिकारपुर और खुर्जा हैं।

सबसे पहले बात करेंगे सिकंदराबाद सीट की इस सीट को काफी अहम माना जाता है। सिकंदराबाद सीट से 2017 में बीजेपी को जीत मिली थी। इस विधानसभा सीट पर हिंदू-मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अहम भूमिका में है। सिकंदराबाद सीट के सियासी इतिहास की बात करें तो 2017 के चुनाव में बीजेपी के बिमला सिंह सोलंकी ने यहां से जीत दर्ज की थी, जबकी 2012 में बिमला सिंह सोलंकी ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी। 10 फरवरी को इस सीट पर मतदान होने हैं और नतीजों का ऐलान 10 मार्च को किया जाएगा।


स्याना विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, इस सीट से बीजेपी ने 2017 में जीत दर्ज कर थी। इस बार स्याना विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे,10 फरवरी को जनता तय करेगी। स्याना विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में आती है। 2017 में स्याना में कुल 54.15 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से देवेंद्र ने बहुजन समाज पार्टी के दिलनवाज खान को 71630 वोटों के मार्जिन से हराया था।

बुलंदशहर विधानसभा सीट से 70 साल के चुनावी इतिहास में कोई भी दल जीत की हैट्रिक नहीं लगा पाया है. बाहुबली नेता डीपी यादव ने लगातार तीन बार इस क्षेत्र का विधानसभा में प्रतिधिनित्व किया लेकिन अलग-अलग पार्टी से. विधानसभा चुनाव में तीन बार कांग्रेस, तीन बार भाजपा, दो बार बसपा, एक बार समाजवादी पार्टी, एक बार जनता दल, एक बार जनता पार्टी ने यहां से जीत दर्ज की है. 2017 में बीजेपी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी फिर विधायक के निधन से रिक्त हुई इस सीट पर उपचुनाव हुए। उपचुनाव में भी इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार को जीत मिली है।


बुलंदशहर सदर विधानसभा क्षेत्र में हर जाति-समुदाय के मतदाता हैं। यहां तकरीबन चार लाख वोटर हैं. मुस्लिम और जाटव मतदाना बुलंदशहर सदर सीट पर अच्छी तादाद में ठाकुर, जाट, वैश्य, ब्राह्मण मतदाता अच्छी स्थिति में हैं। सिख, पंजाबी, जैन, कायस्थ भी इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाने की स्थिति में हैं। कुल मिलाकर जातिगत समीकरण के लिहाज से बात करें तो ये क्षेत्र मिली जुली आबादी वाला क्षेत्र है। इस विधानसभा क्षेत्र में तकरीबन 40 फीसदी मतदाता नगरीय और 60 फीसदी ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं।


अनूपशहर विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। अनूपशहर विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में आती है। 2017 में अनूपशहर में कुल 48.93 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से संजय ने बहुजन समाज पार्टी के गजेन्द्र सिंह को 60314 वोटों के मार्जिन से हराया था। अनूपशहर विधानसभा सीट पर मुस्लिम और दलित मतदाता अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं. यह विधानसभा सीट पहली बार 1952 में अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर अब तक 17 बार विधानसभा के चुनाव कराए जा चुके हैं, जिनमें से 7 बार कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की, जबकि 3 बार इस सीट पर बीजेपी और दो बार बसपा ने जीत दर्ज की है।

डिबाई विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक और ऐतिहासिक नजरिए से यूपी में अपनी एक अलग पहचान रखता है। डिबाई से कुछ ही दूरी पर गंगा नदी है, और इस जगह का सीधा संपर्क महाभारत काल से भी माना जाता है। डिबाई विधानसभा क्षेत्र में कर्णवास गांव आता है। कहा जाता है यह गांव महाभारत के योद्धा दानवीर कर्ण का गांव है। जहां वह लोगों को दान करते थे। इसके अलावा गंगा किनारे बसा यह विधानसभा क्षेत्र धार्मिक लिहाज से भी अहम रहता है। जबकि काटन और कपास की भी यहां अच्छी पैदावार होती है। इसलिए इस विधानसभा सीट पर सबकी नजरे रहती है। 2017 में डिबाई में कुल 53.29 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से डॉक्टर अनीता लोधी राजपूत ने समाजवादी पार्टी के हरीश कुमार को 65630 वोटों के मार्जिन से हराया था। जबकि 2012 के विधानसभा चुनाव में यहां सपा को जीत मिली थी. सपा के भगवान शर्मा ने जनक्रांति पार्टी के राजवीर सिंह को हराया था.

शिकारपुर विधानसभा सीट पर अब तक हुए चुनाव में बीजेपी 5 बार जीत दर्ज कर चुकी है। 2012 में सपा के मुकेश शर्मा इस सीट से चुनाव जीते. वहीं 2017 में इस सीट पर बीजेपी की वापसी हुई और पार्टी के प्रत्याशी अनिल शर्मा ने जीत दर्ज की। 2017 में शिकारपुर में कुल 50.26 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से अनिल कुमार ने बहुजन समाज पार्टी के मुकुल उपाध्याय को 50245 वोटों के मार्जिन से हराया था।
शिकारपुर सीट पर जातिगत आधार पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. दूसरे नंबर पर जाट मतदाताओं की संख्या है. हालांकि दलित, मुस्लिम और ठाकुर मतदाताओं की संख्या भी इस क्षेत्र में अच्छी खासी है.

खुर्जा (सुरक्षित) विधानसभा 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। खुर्जा (सुरक्षित) विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में आती है। 2017 में खुर्जा (सुरक्षित) में कुल 50.43 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से विजेंद्र सिंह ने बहुजन समाज पार्टी के अर्जुन सिंह को 64299 वोटों के मार्जिन से हराया था। खुर्जा सीट पर जाट, खटीक, प्रजापति, वाल्मीकि वर्ग के वोट प्रमुख भूमिका निभाते हैं

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