UP News: यूपी के बुलंदशहर मे स्याना तहसील क्षेत्र के गांव किरियावली में बारिश के कारण मकान भरभरा कर गिर गया। मकान गिरने की सूचना पर भारी भीड़ मौके पर एकत्रित हो गई। हुए हादसे में परिवार के लोगों की जान बाल – बाल बची। मकान गिरने से चंद मिनट पहले ही परिजन घर से बाहर आ गए। देखते ही देखते मकान धराशाही हो गया।
जानकारी के अनुसार गांव किरियावली निवासी बिरम सिंह लोधी ने बताया कि तेज बारिश होने के कारण मकान भरभरा कर गिर गया। मकान गिरने से पहले आभास होने पर वह सभी परिजनों को लेकर बाहर आ गए। देखते ही देखते चंद मिनटों में मकान धराशाही हो गया। मकान गिरने से लाखों रुपए का नुकसान बताया जा रहा है। ब्रह्म सिंह लोधी ने बताया कि मलबे में घर का सभी सामान दब गया है।
मकान गिरने से पहले बचे परिजन
स्थानीय निवासी बिरम सिंह लोधी ने बताया कि लगातार हो रही तेज बारिश के कारण उनका मकान अचानक भरभराकर गिर गया। उन्होंने कहा, “हमें कुछ आभास हुआ और हम सभी परिजनों को लेकर बाहर आ गए। बस कुछ ही मिनटों में पूरा मकान धराशाही हो गया।
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लाखों का नुकसान
लोधी ने बताया कि मकान गिरने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। “मलबे में घर का सारा सामान दब गया है,” उन्होंने कहा। हालांकि, सटीक नुकसान का आंकलन अभी नहीं किया गया है।
मलबा हटाने में जुटे ग्रामीण
मकान गिरने की सूचना पर मौके पर एकत्रित हुई भीड़ मलबा हटाने में जुटी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि हुए हादसे में परिवार के लोग बाल-बाल बचे हैं। उधर परिजनों ने प्रशासन से आर्थिक मदद किए जाने की गुहार लगाई है। पीड़ित परिवार का कहना है कि सरकार की ओर से आर्थिक मदद दिलाई जाए।
एसडीएम देवेंद्र पाल सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर टीम भेजी गई है। हादसे में कोई हताहत नहीं है। पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
एसडीएम देवेंद्र पाल सिंह ने बताया, “घटना की सूचना मिलते ही हमने मौके पर टीम भेज दी। जांच में पुष्टि हुई है कि कोई हताहत नहीं हुआ।” उन्होंने आगे कहा, “पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद के लिए हम शासन को पत्र भेजेंगे।”
पीड़ित परिवार की मांग
परिजनों ने प्रशासन से तत्काल आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। पीड़ित परिवार का कहना है कि सरकार की ओर से जल्द से जल्द सहायता मिलनी चाहिए।
इस घटना ने एक बार फिर मानसून के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में आवास सुरक्षा के मुद्दे को उजागर किया है। प्रशासन अब अन्य कमजोर मकानों की पहचान और सुरक्षा उपायों पर ध्यान देने की योजना बना रहा है।