UP Girl Marriage Assistance Scheme: उत्तर प्रदेश के निर्माण श्रमिकों के लिए एक बड़ी वित्तीय राहत की घोषणा की गई है। उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने अपनी ‘कन्या विवाह सहायता योजना’ में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं, जिसके तहत श्रमिकों की बेटियों के विवाह के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि को अब ₹85,000 तक बढ़ा दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य भवन निर्माण कार्यों से जुड़े पंजीकृत श्रमिकों को उनकी विवाह योग्य बेटियों और महिला श्रमिकों के विवाह में आर्थिक सहयोग प्रदान करना और वयस्क विवाह को प्रोत्साहित करना है।
बढ़ी हुई सहायता राशि और बदलाव
इन संशोधनों के बाद, श्रमिकों को विवाह के प्रकार के अनुसार बढ़ी हुई सहायता राशि मिलेगी। यह वृद्धि अधिसूचना जारी होने की तिथि 13 अक्तूबर से लागू होगी।
| विवाह का प्रकार | पुरानी सहायता राशि | नई सहायता राशि |
| सामान्य विवाह | ₹55,000 | ₹65,000 |
| अंतर्जातीय विवाह | ₹61,000 | ₹75,000 |
| सामूहिक विवाह | ₹65,000 | ₹85,000 |
सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले जोड़ों को सबसे अधिक लाभ मिला है, जिनकी सहायता राशि में ₹20,000 की वृद्धि हुई है।
आवेदन प्रक्रिया में मिली बड़ी छूट
सहायता राशि में वृद्धि के साथ-साथ, बोर्ड ने श्रमिकों के लिए आवेदन की समय सीमा में भी बड़ी राहत दी है। अब श्रमिक विवाह संपन्न होने के छह माह के भीतर योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं, जबकि पहले यह समय सीमा मात्र तीन माह थी। हालांकि, सामूहिक विवाह में शामिल होने की स्थिति में, आवेदन विवाह की निर्धारित तिथि से 15 दिन पूर्व किया जाना अनिवार्य है।
गोरखपुर के उपश्रमायुक्त शक्ति सेन मौर्य ने इन संशोधनों की पुष्टि की और बताया कि सभी अन्य प्रावधान पहले की तरह लागू रहेंगे।
पात्रता और पंजीयन की आवश्यकता
इस UP योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीकृत निर्माण श्रमिक का नवीनीकरण आवश्यक है, और उनका पंजीयन कम से कम एक वर्ष पुराना होना चाहिए। जिन श्रमिकों का पंजीयन या नवीनीकरण लंबित है, उन्हें जल्द से जल्द नजदीकी जनसेवा केंद्र या बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से यह प्रक्रिया पूरी करने की सलाह दी गई है।
UP श्रमिक आवश्यक अभिलेखों के साथ जनसेवा केंद्र या बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। यह योजना उन हजारों परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक संबल प्रदान करेगी जो उत्तर प्रदेश के निर्माण क्षेत्र से जुड़े हैं। श्रमिकों को कन्या विवाह सहायता के अलावा बोर्ड की अन्य योजनाओं, जैसे मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना और सन्त रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना का लाभ भी इसी प्रक्रिया से प्राप्त हो सकता है।










