Noida Authority deadline: नोएडा प्राधिकरण द्वारा बिल्डरों को बकाया राशि जमा करने के लिए दी गई 31 अक्टूबर की अंतिम तारीख समाप्त हो गई है। इस डेडलाइन के खत्म होते ही प्राधिकरण ने कड़ा रुख अपना लिया है। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बताया कि 43 बिल्डर परियोजनाओं के डेवलपर्स को रिमाइंडर नोटिस भेजे गए हैं। प्राधिकरण बोर्ड के निर्णय जल्द ही शासन तक पहुंचाए जाएंगे, जिसके बाद भुगतान न करने वाले बिल्डरों को मिली राहत वापस ले ली जाएगी और उनके खिलाफ आरसी (रिकवरी सर्टिफिकेट) दर्ज करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
यह कदम उन बिल्डरों पर सख्ती करेगा जिन्होंने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर मिले राहत पैकेज का लाभ उठाने के बावजूद अपने बकाया का भुगतान नहीं किया है। यह कार्रवाई नोएडा अथॉरिटी के लिए एक बड़ा राजस्व संग्रह अभियान साबित हो सकती है।
राहत पैकेज की वापसी और कानूनी कार्रवाई की तैयारी
बकाया जमा करने की अंतिम तिथि बीत जाने के बाद, Noida Authority अब उन बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है जिन्होंने भुगतान नहीं किया है। Noida Authority के चेयरमैन दीपक कुमार ने बोर्ड मीटिंग में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि 31 अक्टूबर तक बकाया जमा न करने पर बिल्डरों को मिला राहत पैकेज रद्द कर दिया जाएगा।
राहत पैकेज के मुख्य बिंदु:
- कोविड-19 महामारी के दौरान दो साल का मोरेटोरियम-फ्री पीरियड।
- एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के निर्देशों के कारण हुए विलंब के लिए अतिरिक्त ज़ीरो पीरियड की सुविधा।
प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि राहत पैकेज में किसी भी तरह का बदलाव या इसे वापस लेना शासन स्तर पर ही संभव होगा। इसलिए, बोर्ड के निर्णय को मंजूरी के लिए शासन को भेजा जा रहा है।
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बकाया की स्थिति और अपूर्ण भुगतान
यूपी सरकार ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर 21 दिसंबर 2023 को शासनादेश जारी किया था। इसके पहले चरण में 57 ऐसी बिल्डर परियोजनाओं को शामिल किया गया था, जिनके खिलाफ किसी न्यायालय में कोई मामला लंबित नहीं था।
भुगतान का विवरण (57 परियोजनाओं में):
- 35 बिल्डरों ने कुल बकाया का केवल 25% ही जमा किया है और वे आगे की किस्तें नहीं भर रहे हैं।
- जिन बिल्डरों पर ₹100 करोड़ तक का बकाया था, उन्हें यह राशि एक साल के भीतर जमा करनी थी।
- 12 परियोजनाओं के बिल्डरों ने आंशिक भुगतान किया है।
- 10 परियोजनाओं के बिल्डरों ने कोई राशि जमा नहीं की है।
- इन 57 परियोजनाओं के बिल्डरों पर प्राधिकरण का कुल लगभग ₹5.5 हजार करोड़ रुपए बकाया है।
अंतिम तारीख खत्म होने और भुगतान की अपूर्ण स्थिति को देखते हुए, प्राधिकरण अब बकाया वसूली के लिए कानूनी रास्ते अपनाएगा।
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम. ने पुष्टि की है कि बकाया भुगतान न करने वाले डेवलपर्स के खिलाफ आरसी दर्ज की जाएगी और उन्हें मिली राहत वापस ली जाएगी।
