UP Registry Closed: उत्तर प्रदेश में जमीन और संपत्ति की रजिस्ट्री कराने की योजना बना रहे लोगों के लिए एक अहम खबर है। 8 नवंबर से लेकर 11 नवंबर तक प्रदेश के सभी उपनिबंधक कार्यालयों में रजिस्ट्री, बैनामा और अन्य दस्तावेज पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह बंद रहेगी। उत्तर प्रदेश महानिरीक्षक निबंधन, आईएएस नेहा शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। यह फैसला किसी प्रशासनिक या अवकाश के कारण नहीं, बल्कि एक बड़े तकनीकी बदलाव के चलते लिया गया है।
इस दौरान, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल का डेटा नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के वर्तमान क्लाउड सर्वर ‘मेघराज’ से हटाकर नैशनल गवर्नमेंट क्लाउड (NGC) पर स्थानांतरित किया जाएगा। यह डेटा ट्रांसफर और सर्वर मेंटेनेंस का काम चार दिनों तक चलेगा, जिसके कारण प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन सहित अन्य ऑनलाइन आवेदन भी संभव नहीं हो पाएंगे। इस तकनीकी अपग्रेड के कारण प्रदेश भर में संपत्ति के क्रय-विक्रय और उससे संबंधित कानूनी प्रक्रियाओं पर अस्थायी विराम लग जाएगा।
डेटा ट्रांसफर और मेंटेनेंस के लिए लिया गया फैसला
महानिरीक्षक निबंधन नेहा शर्मा के जारी निर्देश के अनुसार, रजिस्ट्री प्रक्रिया बंद करने का मुख्य कारण स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल का सर्वर अपग्रेडेशन है। विभाग की ऑनलाइन सेवाओं को बेहतर और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए यह डेटा माइग्रेशन ज़रूरी है। वर्तमान में जो डेटा मेघराज क्लाउड सर्वर पर है, उसे नैशनल गवर्नमेंट क्लाउड (NGC) पर स्थानांतरित किया जाएगा।
लोगों को दो ही दिन झेलनी होगी असुविधा
भले ही रजिस्ट्री और पंजीकरण का काम 8 से 11 नवंबर तक बंद रहेगा, लेकिन अधिकारियों के मुताबिक लोगों को केवल दो कार्यदिवसों की ही असुविधा होगी। महानिरीक्षक निबंधन ने अपने आदेश में बताया है कि 8 नवंबर को दूसरा शनिवार है, और 9 नवंबर को रविवार है, ये दोनों दिन पहले से ही अवकाश के दिन हैं।
सुरक्षित और आधुनिक क्लाउड की ओर बढ़ा कदम
इससे स्पष्ट होता है कि यह बंदी एक सुनियोजित कदम है, जिसका उद्देश्य विभाग की डिजिटल सेवाओं को अधिक सुदृढ़ और तेज बनाना है। 11 नवंबर के बाद, सर्वर का काम पूरा होते ही, सभी उपनिबंधक कार्यालयों में रजिस्ट्री और पंजीकरण का काम सामान्य रूप से शुरू हो जाएगा। यह कदम उत्तर प्रदेश में संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। सरकार का मानना है कि इस अपग्रेड से भविष्य में ऑनलाइन सेवाओं में आने वाली रुकावटें कम होंगी और नागरिकों को तेज व पारदर्शी सेवा मिल सकेगी। संपत्ति से जुड़े दस्तावेज़ों के लिए यह नया क्लाउड सर्वर अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय होगा।
नागरिकों के लिए निर्देश
विभाग ने सभी नागरिकों और संबंधित पक्षों से अनुरोध किया है कि वे इन चार दिनों को ध्यान में रखते हुए अपनी रजिस्ट्री और पंजीकरण की योजनाओं को समायोजित करें। 7 नवंबर तक सभी कार्य पूर्ववत होते रहेंगे, और 12 नवंबर से काम फिर से शुरू हो जाएगा। विभाग की यह पहल प्रदेश के डिजिटल इंडिया अभियान को मजबूती प्रदान करेगी।



