UPPCL amnesty scheme: उत्तर प्रदेश में 1.45 करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं के लिए राज्य सरकार ने ‘बिजली बिल राहत योजना 2025’ शुरू की है। यह योजना लगभग 56 हजार करोड़ रुपये के कुल बकाए की वसूली और उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से लाई गई है। इसके तहत, बकाये पर लगने वाला सरचार्ज पूरी तरह से माफ कर दिया गया है। इसके अलावा, उपभोक्ता द्वारा पंजीकरण के बाद भुगतान की अवधि के आधार पर, मूल बकाया राशि पर 15% से लेकर 25% तक की सीधी छूट मिलेगी।
01 दिसम्बर-2025 से तीन चरण में ‘बिजली बिल राहत योजना-2025’ लागू होगी।
इस बार हमारे सम्मानित विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली बिल के व्याज व अधिभार में शत प्रतिशत छूट के साथ साथ मूलधन में 25 प्रतिशत तक की छूट दे रहे हैं।
आप भी इस ऐतिहासिक व आकर्षक योजना का लाभ लें और बकाये से मुक्ति… pic.twitter.com/ssLxUcPl4H
— A K Sharma (@aksharmaBharat) November 11, 2025
UPPCL योजना का लाभ 31 मार्च 2025 से पहले कनेक्शन लेने वाले सभी बकाएदारों को मिलेगा। उपभोक्ता बिजली विभाग की वेबसाइट uppcl.org, विभागीय कार्यालयों, जनसेवा केंद्रों, या कैश काउंटर पर मात्र ₹2,000 जमा करके अपना पंजीकरण करा सकते हैं। भुगतान के लिए एकमुश्त या मासिक किस्तों (₹750 या ₹500) का विकल्प उपलब्ध है।
उत्तर प्रदेश बिजली बिल राहत योजना UPPCL 2025: 9 मुख्य बिंदु
ऊर्जा विभाग की इस महत्वाकांक्षी योजना को निम्नलिखित 9 बिंदुओं से समझा जा सकता है, जिसमें पंजीकरण, छूट की अवधि, किस्तें और डिफॉल्टर होने के नियम शामिल हैं:
विवरण | प्वाइंट नंबर |
चरण-वार छूट | 1, 2, 3, 4 |
किस्त और बिल भुगतान | 5, 6, 7 |
डिफॉल्टर और जुर्माना | 8 |
बिल गड़बड़ी की जाँच | 9 |
1. पहले चरण में पंजीकरण और एकमुश्त भुगतान पर अधिकतम छूट
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के अनुसार, यदि कोई उपभोक्ता प्रथम पंजीकरण चरण (1 से 31 दिसंबर 2025) में पंजीकरण कराता है और पंजीकरण की तारीख से 30 दिनों के भीतर अपने बकाये का पूरा भुगतान कर देता है, तो उसे मूल बिल की राशि पर 25% की अधिकतम छूट प्राप्त होगी।
2. दूसरे चरण में भुगतान पर 20% की छूट
यदि कोई उपभोक्ता प्रथम चरण में पंजीकृत होने के बावजूद 31वें दिन भुगतान करता है, तो उसे दूसरे चरण की अवधि वाली 20 फीसदी की छूट मिलेगी। यह नियम अधिकतम छूट प्राप्त करने के लिए समय पर भुगतान के महत्व को रेखांकित करता है।
3. तीसरे चरण में भुगतान पर 15% की छूट
अगर उपभोक्ता तृतीय चरण की अवधि (1 फरवरी से 28 फरवरी 2026) में भुगतान करता है, तो उसे 15 फीसदी की कम छूट मिलेगी। तीसरे चरण की अवधि की समाप्ति तक भी पूर्ण भुगतान न करने पर उसे डिफॉल्टर माना जाएगा।
4. डिफॉल्टर होने पर कोई छूट नहीं और अतिरिक्त भुगतान
यदि उपभोक्ता 28 फरवरी 2026 तक पूर्ण भुगतान नहीं करता है, तो उसे डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा और कोई छूट नहीं मिलेगी। इसके बाद, डिफॉल्टर होने तक की अवधि का लंबित भुगतान अधिभार (सरचार्ज) उसके नए विद्युत बिल में फिर से जोड़ दिया जाएगा।
5. मासिक किस्त और नियमित बिल भुगतान का दोहरा दायित्व
जो उपभोक्ता ₹750 मासिक किस्त के विकल्प पर पंजीकरण करते हैं, उन्हें पुराने बकाए की किस्त के साथ-साथ चालू माह के बिल का भी नियमित भुगतान करते रहना होगा। यह नियम ₹500 मासिक किस्त वाले उपभोक्ताओं पर भी लागू होगा।
6. प्रोविजनल बिल का भुगतान
यदि उपभोक्ता को माह की 15 तारीख तक चालू बिजली बिल प्राप्त नहीं होता है, तो उसे बकाये की ₹750 मासिक किस्त के साथ, एक प्रोविजनल बिल की राशि का भुगतान माह की 25 तारीख तक करना होगा।
7. डिफॉल्ट की स्थिति और सूचना माध्यम
उपभोक्ता की श्रेणी के आधार पर मासिक प्रोविजनल बिल की राशि की गणना की जाएगी। यदि प्रोविजनल बिल और मासिक किस्त में से किसी एक का भी बकाया रहता है, तो उसे डिफॉल्ट माना जाएगा। बिल की सूचना पंजीकृत मोबाइल नंबर पर SMS या व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी जाएगी।
8. डिफॉल्ट जुर्माना और कनेक्शन विच्छेद का नियम
किस्त या बिल जमा न करने पर जुर्माना जोड़ा जाएगा:
- एक माह का डिफॉल्ट: ₹50 जुर्माना।
- दो माह का डिफॉल्ट: ₹150 जुर्माना।
- तीन माह का डिफॉल्ट: ₹300 जुर्माना।
तीन बार के बाद भी भुगतान न करने पर उपभोक्ता को पूरी तरह से डिफॉल्टर मान लिया जाएगा, जिससे योजना का लाभ समाप्त हो जाएगा। ₹500 प्रतिमाह किस्त देने वालों के लिए भी यही व्यवस्था है।
9. बिल गड़बड़ी की जांच के लिए विशेष सेल
UPPCL योजना की अवधि के दौरान यदि किसी उपभोक्ता के बिल में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो उसकी जांच के लिए एक व्यवस्था बनाई गई है। इसके लिए डिस्काम (DISCOM) स्तर पर निदेशक (वाणिज्य) के नेतृत्व में एक विशेष सेल का गठन किया जाएगा, जो बिल संबंधी शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करेगा।
बिना मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए विशेष प्रावधान
जिन UPPCL उपभोक्ताओं के परिसर में मीटर नहीं लगे हैं या जिनका बिल नॉरमेटिव खपत के आधार पर आता है, उनके लिए भी आकलन तय किया गया है।
- उनका आकलन 144 यूनिट प्रति किलोवाट प्रतिमाह की खपत के आधार पर होगा।
- ऐसे उपभोक्ताओं से मासिक औसत राशि ₹650 ली जाएगी।
- प्रथम चरण की 25 फीसदी छूट के आधार पर, उन्हें मात्र ₹488 का भुगतान करना होगा।








