UP bureaucratic shuffle: 11 आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर, तीन मंडलों को मिले नए कमिश्नर

उत्तर प्रदेश में मंगलवार को 11 आईएएस अधिकारियों का बड़ा ट्रांसफर किया गया है। इस फेरबदल में कई विभागों के प्रमुख पदों पर बदलाव के साथ तीन मंडलों को नए कमिश्नर भी मिले हैं, जो प्रशासनिक कार्यों में सुधार लाएंगे।

UP bureaucratic shuffle: उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था में एक बड़ा फेरबदल किया गया है। राज्य सरकार ने मंगलवार को 11 वरिष्ठ आईएएस UP bureaucratic shuffle का आदेश जारी किया है। इस फेरबदल में कई प्रमुख विभागों के सचिवों के पदों पर बदलाव किए गए हैं, साथ ही तीन मंडलों को नए कमिश्नर भी नियुक्त किए गए हैं। इस निर्णय से राज्य के प्रशासनिक ढांचे में एक नई ऊर्जा और कार्यकुशलता का संचार होने की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले भी यूपी सरकार आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर के मामले में सक्रिय रही है, जो प्रशासनिक कार्यों में सुधार और विभागीय दक्षता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है।

UP bureaucratic shuffle

ट्रांसफर सूची की प्रमुख बातें

  1. अशोक कुमार को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव के पद से मुक्त किया गया है, और उनकी जगह मनीष चौहान को प्रमुख सचिव बनाया गया है।
  2. लीना ज़ौहरी को स्टॉम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के प्रमुख सचिव पद से हटाया गया है, अब इस पद की जिम्मेदारी अमित गुप्ता को सौंपी गई है, जो महानिरीक्षक निबंधन का दायित्व भी निभाएंगे।
  3. मुथु कुमार स्वामी को वित्त विभाग में सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।
  4. विजेंदर पांड्या को कानपुर मंडल के आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
  5. बालकृष्ण त्रिपाठी को विन्ध्याचल मंडल का नया आयुक्त नियुक्त किया गया है।
  6. विवेक को आज़मगढ़ मंडल का नया आयुक्त बनाया गया है।
  7. अजीत कुमार को चित्रकूट धाम मंडल का आयुक्त बनाया गया है।
  8. डॉक्टर रूपेश कुमार को महानिरीक्षक निबंधन के पद से मुक्त कर दिया गया है।
  9. नरेंद्र प्रसाद पाण्डेय को नियोजन विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है।

सरकारी कार्यों में सुधार की उम्मीद

इस बड़े UP bureaucratic shuffle के पीछे सरकार का उद्देश्य विभागीय दक्षता में सुधार और प्रशासनिक कार्यों में बेहतर समन्वय स्थापित करना है। यह तबादला सूची यूपी के प्रशासनिक ढांचे को और भी सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बदलाव से यह उम्मीद की जा रही है कि अधिकारियों को उनके विशेष क्षेत्रों में जिम्मेदारियां सौंपने से सरकारी कार्यों में और तेजी और पारदर्शिता आएगी।

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अगले कुछ महीनों में यह देखा जाएगा कि इस फेरबदल का किस तरह राज्य की प्रशासनिक कार्यशैली पर असर पड़ता है और क्या इससे विभागीय कार्यकुशलता में सुधार होता है।

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