UP New Expressways: उत्तर प्रदेश आने वाले कुछ वर्षों में देश के सबसे बेहतरीन रोड नेटवर्क वाले राज्यों में शामिल हो जाएगा। राज्य सरकार ने आठ नए एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी है। इनमें से कई पर तेजी से काम शुरू हो चुका है, जबकि कुछ योजनाएं अब अपने अंतिम तैयारी चरण में हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने से प्रदेश के लगभग हर हिस्से में बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। लोगों का सफर आसान होगा, माल ढुलाई तेज होगी और उद्योगों को नए निवेश के अवसर मिलेंगे।
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे: तीर्थयात्रियों के लिए बड़ी राहत
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे लगभग 120 किलोमीटर लंबा होगा, जो चित्रकूट को वाराणसी और बांदा से जोड़ेगा। इस परियोजना को जुलाई 2025 में मंजूरी मिल चुकी है और इसे 2026 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बन जाने से न केवल चित्रकूट धाम की कनेक्टिविटी मजबूत होगी बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। आसपास के इलाकों में छोटे व्यवसायों और होटल उद्योग को भी बड़ा फायदा होगा। इससे हर साल आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की यात्रा और भी सहज व तेज हो जाएगी।
विंध्य एक्सप्रेस-वे: यूपी का सबसे लंबा मार्ग
विंध्य एक्सप्रेस-वे प्रदेश के प्रस्तावित सभी एक्सप्रेसवेज़ में सबसे लंबा होगा। लगभग 320 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज से शुरू होकर मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुए सोनभद्र तक जाएगा। 23,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना को 2 से 3 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह सड़क विंध्य क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को नई दिशा देगी। अब तक यह इलाका विकास की दौड़ में पीछे रह गया था, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने से खनिज उद्योग, कृषि बाजार और पर्यटन को जबरदस्त गति मिलेगी।
जालौन लिंक एक्सप्रेस-वे: बुंदेलखंड की तरक्की की राह
जालौन लिंक एक्सप्रेस-वे लगभग 115 किलोमीटर लंबा होगा और इसे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की योजना है। फिलहाल यह एक्सप्रेसवे 4 लेन का बनाया जा रहा है, जिसे भविष्य में 6 लेन तक विस्तार देने की योजना है। इसके लिए 63 गांवों की भूमि अधिग्रहित की जा रही है। यह परियोजना जालौन और आस-पास के इलाकों में निवेश और रोजगार के नए अवसर खोलेगी। सड़क निर्माण के साथ-साथ कृषि उत्पादों और लघु उद्योगों को भी सीधा फायदा होगा।
जेवर लिंक एक्सप्रेस-वे: हवाई सफर का नया द्वार
यह एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ेगा। परियोजना को मंजूरी और आवश्यक बजट दोनों मिल चुके हैं। उम्मीद है कि इस साल के आखिर तक निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इसके बनने से जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी और भी आसान होगी। यह मार्ग बुलंदशहर के रास्ते यमुना और गंगा एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा, जिससे एनसीआर के यात्रियों को हवाई अड्डे तक पहुंचने में काफी सुविधा मिलेगी। यह प्रोजेक्ट रियल एस्टेट, लॉजिस्टिक्स और एयर कार्गो इंडस्ट्री को भी नई गति देगा।
विंध्य–पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे: पूर्वी यूपी के विकास की धुरी
लगभग 100 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे चंदौली के पास विंध्य एक्सप्रेसवे को गाजीपुर के पास पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। लगभग 7,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह मार्ग पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापार और पर्यटन को मजबूत करेगा। इस सड़क से वाराणसी, चंदौली और गाजीपुर के बीच सफर बेहद सुगम होगा। इसके बन जाने से स्थानीय किसानों को अपने उत्पाद बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी और स्थानीय उद्योगों को नई पहचान मिलेगी।
मेरठ–हरिद्वार लिंक एक्सप्रेस-वे: श्रद्धालुओं के लिए नई सुविधा
धार्मिक नगरी हरिद्वार तक सीधी और तेज कनेक्टिविटी देने के लिए सरकार ने मेरठ से हरिद्वार तक एक्सप्रेसवे के विस्तार की योजना बनाई है। गाजियाबाद से मेरठ तक बना मौजूदा एक्सप्रेसवे अब हरिद्वार तक बढ़ाया जाएगा। इस परियोजना के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है। यह मार्ग गंगा एक्सप्रेसवे से भी जुड़ा होगा, जिससे प्रयागराज से आने-जाने वाले यात्रियों को सुविधा मिलेगी। हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को यात्रा में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा।
आगरा–लखनऊ गंगा लिंक एक्सप्रेस-वे: औद्योगिक गलियारे की रीढ़
90 किलोमीटर लंबा यह नया लिंक एक्सप्रेसवे आगरा–लखनऊ एक्सप्रेसवे को फर्रुखाबाद के रास्ते गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इसकी लागत 7,488 करोड़ रुपये है और इसके लिए 900 करोड़ रुपये का बजट पहले ही मंजूर हो चुका है। यह परियोजना 2025 के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से लखनऊ, आगरा और कन्नौज के औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा। साथ ही परिवहन और लॉजिस्टिक सेक्टर को भी बड़ा लाभ होगा।
चित्रकूट–रीवा लिंक एक्सप्रेस-वे: यूपी और एमपी का सीधा संपर्क
70 किलोमीटर लंबा चित्रकूट–रीवा लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश को मध्य प्रदेश से जोड़ेगा। यह सड़क बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जुड़ी होगी, जिससे दोनों राज्यों के बीच सीधी आवाजाही संभव होगी। इस प्रोजेक्ट से व्यापार, पर्यटन और कृषि क्षेत्र को बड़ा फायदा होगा। खासकर रीवा और चित्रकूट के बीच तीर्थ यात्राओं और व्यापारिक गतिविधियों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद है।





