Uttar Pradesh : क्या होता है वन स्टॉप सेंटर? CM Yogi की पहल, पीड़ित महिलाओं की मदद को UP में कितने खुलेंगे नए सेंटर

उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सहायता के लिए 17 नए वन स्टॉप सेंटर खोल रही है। यहां पीड़ित महिलाओं को एक ही जगह पर कानूनी, मेडिकल, मानसिक और सामाजिक मदद दी जाएगी।

Uttar Pradesh One Stop Center for women

One Stop Center : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सरकार लगातार महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए बड़े फैसले ले रही है। इसी कड़ी में अब राज्य में ‘वन स्टॉप सेंटर’ योजना का और विस्तार किया जा रहा है। सरकार जल्द ही प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 17 नए वन स्टॉप सेंटर खोलने जा रही है, ताकि किसी भी हिंसा की शिकार महिला को एक ही जगह पर तुरंत मदद मिल सके।

क्या होता है वन स्टॉप सेंटर?

वन स्टॉप सेंटर वो जगह होती है जहां हिंसा से पीड़ित महिलाओं को तुरंत और समग्र सहायता मिलती है। यहां उन्हें ठहरने की सुविधा, डॉक्टरों की मदद, काउंसलिंग, कानूनी सलाह और पुलिस से मदद all in one place मिलती है। इस योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने साल 2015-16 में की थी और अब इसे यूपी में महिला एवं बाल विकास विभाग चला रहा है।

अब तक कितने सेंटर और कितना फायदा?

अभी तक यूपी के 75 जिलों में कुल 79 वन स्टॉप सेंटर चल रहे हैं। इन सेंटरों ने अब तक करीब 2.10 लाख से ज्यादा महिलाओं और बच्चियों को मदद पहुंचाई है। ये सेंटर न सिर्फ तुरंत राहत देते हैं, बल्कि महिलाओं के पुनर्वास और समाज में दोबारा आत्मविश्वास से जीने में भी बड़ी भूमिका निभाते हैं।

कहां खुलेंगे नए सेंटर?

भारत सरकार ने यूपी की बड़ी आबादी और ज़रूरतों को देखते हुए 17 नए सेंटर की मंजूरी दी है। इनमें लखनऊ, वाराणसी और प्रयागराज में 2-2 सेंटर होंगे। लखीमपुर खीरी में भी 2 यूनिट बनेंगी।
इसके अलावा जिन जिलों में 1-1 नया सेंटर खुलेगा, वे हैं।
बरेली, कानपुर नगर, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, गोरखपुर, सहारनपुर, झांसी, आगरा और बिजनौर।

फरवरी 2025 से मिल गई आपातकालीन गाड़ियां

हर सेंटर पर फरवरी 2025 से एक आपातकालीन वाहन की सुविधा भी शुरू हो चुकी है। इसका फायदा यह होगा कि किसी भी केस की सूचना मिलते ही टीम तुरंत घटनास्थल तक पहुंच पाएगी। इससे महिलाओं को तेज़ी से मदद मिलेगी और सुरक्षा भी मजबूत होगी।

आंकड़ों में दिखती है योजना की कामयाबी

वन स्टॉप सेंटर योजना की सफलता इसके आंकड़ों से साफ दिखती है। बीते 10 सालों में इस योजना की मदद से हजारों महिलाएं अपनी ज़िंदगी को दोबारा पटरी पर ला पाई हैं। अब जब 17 नए सेंटर खुलने जा रहे हैं, तो उम्मीद है कि मदद का दायरा और भी बढ़ेगा, खासकर उन इलाकों में जहां अभी तक ये सुविधा नहीं थी।

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