Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन ने न्यायिक अधिकारियों के ट्रांसफर के सिलसिले में एक और अहम कदम उठाया है। करीब 15 दिन पहले 22 जिला जजों के स्थानांतरण के बाद, अब 12 जिला जज स्तर के एचजेएस अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है। इस आदेश में विभिन्न न्यायिक अधिकारियों को नई जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं, जिनमें मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्युनल के विभिन्न पीठासीन अधिकारी शामिल हैं। यह तबादला उच्च न्यायालय की कार्यप्रणाली में सुधार और न्यायिक कार्यों को व्यवस्थित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उच्च न्यायालय के महानिबंधक राजीव भारती ने इन स्थानांतरणों के आदेश जारी किए हैं।
नए स्थानांतरण और नई जिम्मेदारियाँ
Allahabad High Court द्वारा जारी किए गए आदेश में, सिद्धार्थनगर के प्रधान पारिवारिक न्यायाधीश रमेश चंद्र को मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्युनल बाराबंकी का पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है। वहीं, गाजीपुर के प्रधान पारिवारिक न्यायाधीश अखिलेश कुमार पाठक को महाराजगंज के मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्युनल का पीठासीन अधिकारी बनाया गया। इसके अलावा, फर्रुखाबाद के प्रधान पारिवारिक न्यायाधीश अशोक कुमार नवम को सोनभद्र के ट्रिब्युनल का पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया।
बुलंदशहर, आगरा, और महोबा के न्यायिक अधिकारियों को भी मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्युनल का पीठासीन अधिकारी बनाया गया है। आगरा के कॉमर्शियल कोर्ट के पीठासीन अधिकारी सुधीर कुमार चतुर्थ को हाथरस के ट्रिब्युनल में स्थानांतरित किया गया है।
इसके अलावा, महोबा के मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्युनल के पीठासीन अधिकारी राजेश कुमार सिंह को हरदोई का पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि अलीगढ़ के प्रधान पारिवारिक न्यायाधीश मनोज कुमार अग्रवाल को जौनपुर के ट्रिब्युनल का प्रमुख बनाया गया है। कुशीनगर के प्रधान पारिवारिक न्यायाधीश भगवान दयाल भारती को लखीमपुर खीरी का प्रधान पारिवारिक न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। मऊ के मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्युनल के पीठासीन अधिकारी विश्वंभर प्रसाद को बुलंदशहर का प्रधान पारिवारिक न्यायाधीश बनाया गया है।
Allahabad High Court के पूर्व आदेश और प्रशासनिक कार्यवाही
इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह आदेश 8 नवंबर को जारी किए गए 22 जिला जजों के स्थानांतरण के दो सप्ताह बाद आया है। इन स्थानांतरणों में सहारनपुर, अयोध्या, रायबरेली, मैनपुरी, मुरादाबाद, और फतेहपुर जैसे प्रमुख जनपदों के जजों को शामिल किया गया था। यह कदम उच्च न्यायालय के न्यायिक कार्यों की गति को सुधारने और समग्र कार्यप्रणाली में दक्षता लाने के उद्देश्य से उठाए गए हैं।
इन स्थानांतरणों से यह स्पष्ट है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन न्यायिक तंत्र में सुधार लाने और कार्यभार को सही तरीके से वितरित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इन बदलावों से न्यायिक कार्यों में तत्परता और प्रभावशीलता आने की उम्मीद है, जिससे न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या में भी कमी आ सकती है।