CPI 2024: ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी 2024 भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) में डेनमार्क लगातार दूसरे वर्ष दुनिया का सबसे ईमानदार देश बना है, जबकि फिनलैंड और सिंगापुर क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। इस सूचकांक में भारत की रैंकिंग गिरकर 96वें स्थान पर पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष 93वें स्थान पर थी। भारत ने 100 में से केवल 38 अंक प्राप्त किए हैं, जो यह दर्शाता है कि देश को सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अभी लंबा सफर तय करना है। दूसरी ओर, दक्षिण एशियाई देशों में पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश भी खराब प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि चीन भारत से कुछ बेहतर स्थिति में है।
भारत और दक्षिण एशियाई देशों की स्थिति
CPI 2024 में भारत की गिरती रैंकिंग के अलावा, अन्य दक्षिण एशियाई देशों की स्थिति भी चिंताजनक है। पाकिस्तान को 135वां स्थान मिला है, जबकि श्रीलंका 121वें स्थान पर है। बांग्लादेश को 149वें स्थान पर रखा गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इन देशों में सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार गहरी जड़ें जमा चुका है। हालांकि, चीन 76वें स्थान पर है, जो इसे दक्षिण एशिया के अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में रखता है।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि भ्रष्टाचार क्षेत्रीय विकास और आर्थिक सुधारों में सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है। भारत में सार्वजनिक परियोजनाओं, सरकारी खरीद और राजनीति में धन के लेन-देन को पारदर्शी बनाने के प्रयासों की कमी के कारण भ्रष्टाचार का स्तर ऊंचा बना हुआ है।
पश्चिमी देशों में गिरावट, अमेरिका की स्थिति भी खराब
CPI 2024 की रिपोर्ट में पश्चिमी देशों में भी भ्रष्टाचार स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिका की रैंकिंग 24वें से गिरकर 28वें स्थान पर आ गई है, और इसका स्कोर 69 से घटकर 65 हो गया है। फ्रांस और जर्मनी भी इस गिरावट का शिकार हुए हैं। फ्रांस ने चार अंक और छह स्थान खो दिए, जबकि जर्मनी तीन अंक गिरकर 15वें स्थान पर पहुंच गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, रूस में भी भ्रष्टाचार बढ़ा है, और इसका स्कोर चार अंकों की गिरावट के साथ 22 पर आ गया है। हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद, यूक्रेन ने न्यायिक स्वतंत्रता और उच्चस्तरीय भ्रष्टाचार पर कार्रवाई में सुधार दिखाया है। यूक्रेन का स्कोर सिर्फ एक अंक कम हुआ, लेकिन इसने भ्रष्टाचार से निपटने के प्रयासों को जारी रखा है।
सबसे भ्रष्ट देश और वैश्विक खतरा
CPI 2024 के अनुसार, दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में दक्षिण सूडान (8 अंक) और सोमालिया (9 अंक) सबसे निचले स्थान पर रहे। वेनेजुएला और सीरिया भी शीर्ष चार सबसे भ्रष्ट देशों में शामिल हैं, जिनके स्कोर क्रमशः 10 और 12 रहे।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने चेतावनी दी है कि भ्रष्टाचार केवल आर्थिक विकास में बाधा नहीं डालता, बल्कि यह लोकतंत्र, स्थिरता और मानवाधिकारों के लिए भी बड़ा खतरा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार को रोकने के प्रयास ठप पड़ रहे हैं, जिससे जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक संकटों से निपटने की कोशिशों को नुकसान हो रहा है।
जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार का कनेक्शन
रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयास भी भ्रष्टाचार से प्रभावित हो रहे हैं। जलवायु कोष का दुरुपयोग और निजी क्षेत्र के अनुचित प्रभाव के कारण जलवायु नीतियों को लागू करने में कठिनाइयां आ रही हैं। कई देशों में पर्यावरण से जुड़े फंड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं, जिससे जलवायु संकट से निपटने की रणनीतियां कमजोर हो रही हैं।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने सरकारों से अपील की है कि वे भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाएं और जलवायु नीतियों को अधिक पारदर्शी बनाएं, ताकि विकासशील देशों में पर्यावरण सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।