लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां की अदालत में चोरी के मुकदमे की 25 साल सुनवाई चली। इस दौरान पांच सौ से ज्यादा तारीखें लगीं। गवाह, वादी, विवेचक और आरोपी कोर्ट में आकर अपने-अपने बयान दर्ज करवाए। कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 3 दिन की सजा सुनाई। साथ ही 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया। आरोपी गिरफ्तारी के बाद जेल में तीन दिन तक बिताया था और जमानत मिलने के बाद वह बाहर आ गया। ऐसे में वह सुनवाई के बाद जुर्माना अदा कर घर चला गया।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, मूंढापांडे थानाक्षेत्र के सिरसखेड़ा गांव निवासी कय्यूम के घर में 23 जुलाई 2000 को चोरी की वारदात हुई थी। पीड़ित ने पुलिस में जाकर एफआईआर दर्ज करवाई थी। वादी ने शिकायत में बताया था कि, घटना वाले दिन फैमिली के सभी सदस्य बाहर गए हुए थे। तभी सिरसखेड़ा निवासी खलील उसके घर में घुसा और उसने घर में रखे रुपये चोरी कर लिए। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी जैसे ही घर से जाने लगा तभी कय्यूम और उसके परिवार के लोग आ गए और आरोपी को मौके पर ही दबोच लिया था।
पुलिस ने कोर्ट में केस की पैरवी की
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज करते हुए आरोपी को अरेस्ट कर उसके पास से रुपये बरामद कर लिए थे। इसके बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया था। इस मामले में आरोपी तीन दिन तक जेल में रहा और बाद में उसे कोर्ट से जमानत मिल गई थी। केस की सुनवाई एसीजेएम-3 मुकीम अहमद की अदालत में चली। डीजीपी के कन्विक्शन अभियान के तहत पुलिस ने कोर्ट में केस की पैरवी की। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा और कहा कि खलील को झूठा फंसा गया है। केस में तारीखों पर कय्यूम, खलील, विवेचक बीएस राणा के अलावा गवाह भी पेश हुए और उन्होंने अपने बयान दर्ज कराए।
खलील को चोरी की घटना में दोषी पाया
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने खलील को चोरी की घटना में दोषी पाया। अदालत ने दोषी को जेल में बिताए गए तीन दिन की सजा सुनाई। साथ ही 500 रुपये का जुर्माना लगाया। आरोपी गिरफ्तारी के बाद तीन दिन तक जेल में रहा था। ऐसे में सुनवाई के बाद उसे रिहा कर दिया गया। आरोपी ने जब वारदात को अंजाम दिया था तब उसकी उम्र करीब 25 साल थी। ऐसे में 25 साल तक केस की सुनवाई हुई और आरोपी की उम्र 50 साल के पार हो गई। रिहा किए जाने के बाद आरोपी के परिवारवाले खुश थे।