मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश भर के अभ्यर्थियों के लिए अभ्युदय योजना की शुरुआत की थी। जिसका उद्देश्य था कि उत्तर प्रदेश में आर्थिक तौर पर कमजोर छात्र भी अपनी प्रतिभा के जरिए विभिन्न प्रशासनिक भर्तियो और सिविल सर्विस परीक्षा में बेहतर परिणाम दे सके। जिसको लेकर इस योजना की शुरुआत की गई थी। यूपीएससी सिविल परीक्षा में तो योजना के जरिए 13 छात्रो ने अंको के जरिए साबित कर दिया कि यूपी सरकार की योजना कहीं न कहीं फलीभूत होती हुई दिखाई दे रही है।
वरिष्ठ अधिकारी अभ्यर्थियों का करेंगे मार्गदर्शन
मुख्यमंत्री की अभ्युदय योजना के जरिए पिछले 3 वर्षों में 15,000 से ज्यादा छात्र विभिन्न सरकारी भर्तियों में सफलता पा चुके हैं। यह न केवल आने वाले अभ्यर्थियों के लिए एक मार्गदर्शन है बल्कि मुख्यमंत्री योगी की योजना के संचालन को लेकर लिए गए निर्णय की सार्थकता को भी दिखाता है। समाज कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश की इस योजना के जरिए न केवल परीक्षा के लिए व्यवस्थाएं करता है बल्कि इंटरव्यू के लिए विशेष सत्र भी चलाए जाते हैं। जहां पर संबंधित विषय के विशेषज्ञ और वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस, पीसीएस अधिकारी अभ्यर्थियों को मार्गदर्शन देते हैं।
अब नहीं रुकेगी किसी छात्र की परीक्षा
कोई अभ्यार्थी जो सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे है, जिनकी आर्थिक स्थिति परीक्षाओं के खर्च को उठाने की नहीं है। ऐसे परिवारों के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना बहुत बड़ा संबल साबित हो रही है। 6 फरवरी 2021 को उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस के मौके पर मंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिविल सर्विस के लिए तथा अन्य परीक्षाओं के लिए योजना की शुरुआत की थी। जिसके परिणाम अब दिखने शुरू हो गए हैं, पीसीएस, पुलिस सेवा और आईआईटी जैसी सेवा में 132 से अधिक अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है।
नए व्यवस्थाओं के साथ ऑनलाइन ऑफलाइन क्लासेस
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को निशुल्क कोचिंग सुविधा इस योजना के जरिए दी जा रही है। जिसमें ऐसे छात्र जो अपनी आर्थिक स्थिति से चलते परीक्षाओं और उनकी तैयारियों का खर्च नहीं उठा सकते उनके लिए यह व्यवस्था की गई है। हालांकि अभी तक मंडल स्तर पर छात्रों को कोर्स के साथ ही क्वेश्चन बैंक भी उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय खुद इस योजना की निगरानी करता है। ऑनलाइन पढ़ाई के साथ ही ऑफलाइन कक्षाएं भी इस योजना के तहत प्रदेश भर में छात्रों को दी जा रही हैं। पैसे की कमी की वजह से किसी छात्र की व्यवस्था ना रुके उसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोचिंग दी जा रही है।
योजना से कौन से परीक्षार्थी ले सकते हैं लाभ
संघ लोक सेवा आयोग, यूपी लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, भर्ती बोर्ड, जेईई, नीट, एनडीए, सीडीएसज़ अर्धसैनिक, केंद्रीय पुलिस बल, बैंकिंग, एसएससी, बीएड, टीईटी समेत विभिन्न परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों को निशुल्क विशेषज्ञों की राय कोचिंग के जरिए दिलाई जा रही है।
संस्कृत में भी निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में संस्कृत संस्थान की ओर से आयोजित छात्रों की मदद के लिए कोचिंग में संस्कृत विषय में भी तैयारियां कराई जा रही है जिसको लेकर भी परिणाम आने शुरू हो गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की कोचिंग के जरिए संस्कृत विषय में अभ्यर्थी ने कथित 41वां स्थान प्राप्त किया है। उत्तर प्रदेश सरकार की निशुल्क कोचिंग योजना के जरिए पैसे की कमी के चलते परीक्षाओं में कोई दिक्कत ना हो उस व्यवस्था को बल मिलता हुआ दिखाई दे रहा है।