Mahakumbh 2025: 27 साल के बाद महाकुंभ में पत्नी को मिला पति, जानिए किस साध्वी के चलते बना अघोरी

Prayagraj Mahakumbh 2025 Latest News: 27 साल के बाद महाकुंभ में साधू के भेष में पत्नी को मिला पति, अघोरी बने संत ने परिवार को पहचाने से किया इंकार, पत्नी ने पुलिस से की फरियाद।

प्रयागरात ऑनलाइन डेस्क। Prayagraj Mahakumbh 2025 Latest News दूनिया का सबसे बड़ा मेला प्रयागराज के संगम तट पर चल रहा है। 13 जनवरी से लेकर 30 जनवरी की सुबह तक करीब 20 करोड़ भक्तों ने त्रिवेणी में डुबकी लगाई। फिलहाल श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है। एक अनुमान के मुताबिक महाकुभ 2025 में करीब 40 से 45 करोड़ भक्त पहुंचेंगे। इनसब के बीच एक महिला के लिए महाकुंभ वरदान साबित हुआ। 27 साल पहले पति उसे कुंभ मेले में मिल गया। पति को अघोरी संत के रूप में देखकर पत्नी फूट-फूट कर रो पड़ी। उसने हाथ जोड़कर संत से घर चलने को कहा पर अघोरी साधू ने महिला को पहचाने से इंकार कर दिया।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, झारखंड के धनबाद जिले भूली के श्याम नगर के रहने गंगा सागर यादव 27 साल पहले किसी काम के चलते पटना आए हुए थे। लेकिन अचानक वह लापता हो गए। परिवारवालों ने पुलिस में गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज करवाई। खोजबीन की, लेकिन गंगा सागर यादव का कहीं भी पता नहीं चला। गंगा सागर के परिवारवाले महाकुंभ में स्नान के लिए आए थे। उनके साथ गांव के लोग भी थे। तभी एक ग्रामीण की नजर गंगा सागर पर पड़ी तो उन्होंने उनकी फोटो खींच ली। फिर गंगा सागर यादव की पत्नी को भेज दी। पत्नी पति को पहचान गई और झारखंड से सीधे प्रयागराज महाकुंभ आ गई। पत्नी ने पति को देखते ही पहचान लिया। पर अघोरी संत बने गंगा सागर ने महिला को पहचाने से साफ इंकार कर दिया।

परिवार का सामना बाबा राजकुमार से हुआ

महाकुंभ पहुंचे गंगासागर के छोटे भाई मुरली यादव ने कहा, हम उन्हें दोबारा देखने की उम्मीद खो चुके थे, लेकिन कुंभ मेले में गए हमारे एक रिश्तेदार ने गंगासागर जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति की तस्वीर ली और हमें भेजी। इसके बाद मैं, धनवा देवी और उनके दो बेटों के साथ कुंभ मेला पहुंचा। मेले में पहुंचने पर परिवार का सामना बाबा राजकुमार से हुआ, लेकिन उन्होंने गंगासागर यादव के रूप में अपनी पूर्व पहचान स्वीकार करने से इनकार कर दिया। बाबा राजकुमार ने वाराणसी का साधु होने का दावा किया। उनके साथ एक महिला साध्वी भी थी। जब हमने महिला साध्वी के बारे में गंगासागर से पूछा तो उन्होंने कुछ भी बताने से मना कर दिया।

बताया कि पति का बाया हाथ टूट गया था

अघोरी साधू के इंकार के बाद भी परिवार अपने दावे पर अड़ा रहा, क्योंकि बाबा राजकुमार पूरी तरह से गंगासागर यादव से मिलते जुलते हैं, यहां तक कि उनके माथे और घुटने पर चोट के हूबहू वैसे ही निशान मिले जो गंगासागर यादव के थे। पत्नी ने बताया कि उनके पति गंगासागर यादव 27 वर्ष पहले घर छोड़कर चले गए थे। तब से आज तक पूरा परिवार उनकी खोजबीन में ही जुटा रहा। पत्नी धनवा देवी ने बताया कि पति का बाया हाथ टूट गया था, उनकी केहुनी निकली हुई है। मैं पत्नी हूं, मेरे से अच्छा कौन पहचानता है। उनके ललाट पर गहरा जख्म हुआ था, जिसके कटने के निशान थे। यह निशान अब भी हैं, आगे का दोनों दांत बड़ा है। पत्नी ने दावा किया कि उनके पति हैं।

जब पति ने घर छोड़ा था तब मैं प्रेगनेंट थी

पत्नी ने बताया कि 27 वर्षों से सिंदूर लगा रही हूं, यह बात अपने पति को भी बताया है। उन्होंने कहा कि उनके साथ एक महिला साधु भी है, जिसकी वजह से उन्होंने घर छोड़ा था। उनके पति और महिला साधु घर वालों की बात नहीं मान रहे हैं। घर में देवर की शादी थी, तभी वह घर छोड़ गए थे। पत्नी ने बताया कि जब पति ने घर छोड़ा था तब मैं प्रेगनेंट थी। गर्भ में पल रहे नवजात के साथ मैंने कई माह पति की खोजबीन की। वहीं गंगासागर यादव को देखकर उनके बेटे कमलेश यादव ने कहा कि बाबूजी घर चलिए। बार-बार वह अपने पिता को घर चलने की अपील करता रहा। उसने बताया कि वह 2 वर्ष का था जब उनके पिता घर छोड़कर चले गए थे।

बाबा राजकुमार और साध्वी पर कड़ी नजर

घर वालों ने इसकी शिकायत कुंभ मेला पुलिस को की है और पुलिस अपने स्तर से मामले की जांच कर रही है। मुरली यादव ने बताया कि उन्होंने उम्मीद जताई है कि उनके बड़े भाई घर वालों की बात मान लेंगे और घर आ जाएंगे। फिलहाल, परिवार के कई लोग बाबा के पास उन्हें समझा बुझा रहे हैं। बाकी कुछ लोग वापस भूली आ गए हैं। मुरली यादव ने कहा कि हम कुंभ मेले के अंत तक इंतजार करेंगे। अगर जरूरी हुआ तो डीएनए परीक्षण पर जोर देंगे। यदि परीक्षण में परिणाम मेल नहीं खाते तो हम बाबा राजकुमार से माफी मांगेंगे। वहीं हम बाबा राजकुमार और साध्वी पर कड़ी नजर रख रहे हैं।

 

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