लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश की राजनीति में बीतेकई दिनों से बड़े उलटफेर हो रहे हैं। कभी सीएम योगी आदित्यनाथ एकाएक दिल्ली जाकर पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह से मिलते हैं तो कभी अमित शाह के साथ सूबे के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक की तस्वीर सामने आती है। तभी एक और फोटो सामने आती है, जिसके बाद प्रदेश का सियासी पारा अचानक चढ़ जाता है। अटकलों का दौर शुरू हो जाता है। योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाएं सोशल मीडिया पर तैरने लगती हैं। यूपी बीजेपी चीफ के नाम को लेकर भी गांव-मोहल्लों में शोर शुरू हो जाता है। फिलहाल बीजेपी के नए खेला पर सबकी नजर है। विपक्षी खेमा भी परेशान है और अपने मुखबिरों को मैदान पर उतार दिया है।
तो चलिए हम आपको अपने इस बताते हैं कि इस वक्त यूपी में क्या हो रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ 2027 के सियासी दंगल को कामयाब बनाने के लिए क्या करने वाले हैं। किस वजह से सूबे के ‘महाराज जी’ फुल एक्टिव हैं। बीजेपी के अंदर रहकर पार्टी के खिलाफ बगावत करने वाले नेताओं को अब सीएम योगी एक-एक कर अपने आवास बुला रहे हैं। उनके साथ मंथन कर रहे हैं। बड़ों से जमीनी हकीकत परख रहे हैं तो छोटों को आर्शीवाद भी दे रहे हैं। इसी कड़ी में बृजभूषण शरण सिंह के बाद सीएम योगी से मुलाकात करने वालों में से दो नाम और जुड़ गए हैं। वह नाम कोई और नहीं बल्कि बृजभूषण शरण सिंह के बेटों के हैं।
कैसरगंज से पूर्व सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह के बाद उनके दोनों बेटों सांसद करन भूषण सिंह और विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने सीएमयोगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। यह भेंट लखनऊ में 5-कालीदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर देवीपाटन मंडल की समीक्षा बैठक के बाद हुई। इस मुलाकात को राजनीतिक और विकास के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सांसद करन भूषण सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मुलाकात की जानकारी साझा करते हुए लिखा कि उन्होंने अपने भाई प्रतीक भूषण सिंह के साथ मुख्यमंत्री से देवीपाटन मंडल, कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र और गोंडा विधानसभा क्षेत्र के विकास प्रस्तावों पर चर्चा की। उन्होंने मुख्यमंत्री से मार्गदर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने की बात कही।
इनसब के बीच बृजभूषण शरण सिंह ने योगी से नहीं मिलने को लेकर अब तक का सबसे बड़ा खुलासा किया है। पूर्व सांसद ने बताया कि वह ज्योतिष पर बहुत विश्वास करते हैं। एक ज्योतिषाचार्य ने करीब 32 माह पहले हमें बताया था कि आपके ऊपर शनि की साढ़े सती चल रही है। ज्योतिषाचार्य ने हमें कुछ तरीके बताए। हमने घर पर पूजन का आयोजन का कार्यक्रम रखा। हमने पूजन कार्यक्रम में सीएम योगी को बुलाने का बन बनाया। हमने सीएम को फोन किया। सीएम के बजाए हमारी बात एक आईएएस से हुई। अफसर ने कहा कि हम आपकी बात सीएम तक पहुंचा देंगे। हमने दूसरे दिन फोन किया तो उस अफसर ने कहा कि सीएम आपके कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। इसी के बाद हमने तय कर लिया कि जब महाराज जी हमें बुलाएंगे तब ही हम उनके मिलने जाएंगे।
पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि तभी हम पर महिला पहलवानों ने आरोप लगाए। हमने ये लड़ाई अकेले लड़ने की ठानी। करीब 30 माह तक हम बीजेपी के किसी भी नेता से नहीं मिले। हमारा टिकट भी काट दिया गया, पर हमने इसका भी विरोध नहीं। पूर्व सांसद ने कहा कि अब हम पर शनिदेव ने कृपा की और तभी सीएम योगी का फोन आया। हम तत्काल उनसे मिलने के लिए चले गए। पूर्व सांसद ने ये भी दावा किया कि यूपी की कमान सीएम योगी के हाथों में ही रहेगी। वह ही 2027 में बीजेपी के खेवनहार होंगे। योगी जी कहीं नहीं जानें वाले। मीडिया में सिर्फ गलत अफवाहें चल रही हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी की जोड़ी फिर से धमाल मचाएगी और बीजेपी तीसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।
दरअसल, पिछले कुछ समय से बृजभूषण शरण सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच तनाव की खबरें सामने आती रही हैं। बृजभूषण लंबे समय तक कैसरगंज से सांसद रहे और क्षेत्र में मजबूत राजनीतिक प्रभाव रखते हैं। हाल ही में वे मुख्यमंत्री से मिले थे। इस मुलाकात को तनाव कम करने की दिशा में एक कदम माना गया था। अब उनके दोनों पुत्रों की मुख्यमंत्री से भेंट ने यह संकेत दिया है कि दोनों पक्षों के बीच संबंधों में सुधार की कोशिशें तेज हो रही हैं। करन भूषण सिंह वर्तमान में कैसरगंज से सांसद और प्रतीक भूषण सिंह गोंडा से विधायक हैं। दोनों युवा नेता अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। जानकार बताते हैं कि योगी मंत्रिमंडल के विस्तार के वक्त बृजभूषण शरण सिंह के एक बेटे को मंत्री बनाया जा सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात न केवल स्थानीय विकास के लिए, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आंतरिक समीकरणों को संतुलित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। बृजभूषण के परिवार का योगी सरकार के साथ बेहतर तालमेल क्षेत्र की जनता के हित में हो सकता है। इस मुलाकात के बाद अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि क्या यह भेंट कैसरगंज और गोंडा के लिए नए विकास कार्यों की शुरुआत करेगी और क्या यह राजनीतिक समीकरणों को और मजबूत करेगी। जानकार बताते हैं कि जिस तरह से अखिलेश यादव ने पूर्वांचल में अपनी सियासी गतिविधियां बढ़ाई हैं। ऐसे में बीजेपी भी पलटवार का प्लान बनाया है। बृजभूषण शरण सिंह की पकड़ पूर्वांचल में अच्छी है। ऐसे में अब बीजेपी अपने पूर्व सांसद के जरिए साइकिल को पंक्चर करने के मिशन में जुट गई है।