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गिरसान व जिगाना मेड पिस्टल के बाद अब मैग्नम अल्फा की दस्तक

गिरसान व जिगाना मेड पिस्टल के बाद अब मैग्नम अल्फा की दस्तक

लखनऊ– उत्तर प्रदेश के बाहुबली माफिया अतीक अशरफ के हत्याकांड में जिस तरीके से जिगाना और गिर सान पिस्टलों का इस्तेमाल किया गया वह उत्तर प्रदेश और हिंदुस्तान में पूरी तरीके से प्रतिबंधित है। पाकिस्तान से पंजाब के रास्ते हिंदुस्तान के अलग-अलग शहरों में इन पिस्टलों की तस्करी की जाती है। अतीक अशरफ असद के पास से जिस तरीके से विदेशी पिस्टल बरामद हुई है। उससे यह साफ होता है कि कहीं ना कहीं कोई एक ऐसा गैंग है जो उत्तर प्रदेश के माफियाओं को यह खतरनाक प्रतिबंधित विदेशी हथियार मुहैया करा रहा है।

आरोपी को पीटा, किया पुलिस के हवाले

अतीक अशरफ के हत्याकांड में पकड़े गए हत्यारों के पास से यही प्रतिबंधित हथियार बरामद हुए थे और हत्यारों की पृष्ठभूमि और बैकग्राउंड की बात की जाए तो बेहद ही कमजोर परिवार से तीनों हत्यारे ताल्लुक रखते हैं। सवाल यह उठता है कि जितने पिछड़े वर्ग से आने वाले यह हत्यारे इस तरीके के कांड को अंजाम क्यों देते हैं। किसके इशारे पर देते हैं इससे पर्दा अभी उठा नहीं है कि इसी बीच राजधानी से संजीव जीवा की कोर्ट रूम से हत्या कांड का मामला सामने आ जाता है। जिसमें वकीलों जैसे दिखने वाले कपड़े पहनकर आरोपी हत्याकांड की घटना को अंजाम दे देता है। आरोपी को अधिवक्ताओं ने पकड़कर जमकर पीटा उंसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया था।

आरोपी के पास कहाँ से आई रिवॉल्वर 

इसी बीच एक और तथ्य निकल कर सामने आया है कि घटना में मैग्नम अल्फा 357 बोर रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया गया है। जिसकी कीमत लाखो में बताई जा रही है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि इस रिवॉल्वर की एक गोली की कीमत डेढ़ से 2 हजार रु है। इस रिवोल्वर को आरोपी ने कहां से खरीदा पैसे कहा से आये किसने मुहैया कराई इस पर अभी संसय बरकरार है। यह रिवॉल्वर भी विदेशी है लेकिन हिंदुस्तान में प्रतिबंधित नही है। पंजाब हरियाणा के बड़े अमीर शौकीन लोग शौक के लिए इस रिवॉल्वर का इस्तेमाल करते है। आखिर संजीव जीवा के हत्याकांड में आरोपी के पास ये रिवॉल्वर कहाँ से आई है इसपर भी पुलिस पड़ताल कर रही है। संजीव के बारे में बताया जाता है कि 1991 में पहली बार उसके ऊपर एक मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद उसने जरा इनकी दुनिया में पलट कर पीछे कभी नहीं देखा। बताया जाता है कि संजीव 90 के दशक में संजय दत्त की फिल्मों से काफी प्रेरित था इसलिए संजय दत्त की फिल्म जीवा देखकर उसने अपने नाम के आगे संजीव जीवा लगाना शुरू कर दिया। तब से आज तक संजीव जीवा जलाल की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया लोग बताते हैं कि संजीव जीवा के पिता ने दो शादियां की थी। पहली पत्नी से 2 बेटियां थी और दूसरी पत्नी से तो बेटे और दो बेटियां हैं। जिसमें से एक संजीव है हालांकि पहली पत्नी के दोनों बच्चों से संजीव जीवा का कोई वास्ता नहीं है।

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