वाराणसी ऑनलाइन डेस्क। संभल की तरह ही उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में भी एक मामला सामने आया है। यहां के मुस्लिम टोले में भगवान शिव का एक प्राचीन है, जो पिछले 10 सालों से बंद हैं। भक्तों का आरोप है कि कुछ अराजकत्वों ने मंदिर पर कब्जा कर लिया और ताला जड़कर पूजा-अर्चना पर रोक लगा दी। संभल की तरह ही इस शिव मंदिर के खुलवाए जाने की मांग लोगों की तरफ से की जा रही है।
संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर के कपाट
दअरसल, हिंसा के बाद पुलिस-प्रशासन की टीम संभल के कई मोहल्लों पर बिजली चोरों के खिलाफ अभियान चलाए हुए थी। तभी यहां एक मंदिर बंद मिली। जिसे पुलिस ने खुलवाया। मंदिर को 1978 के दंगे के दौरान बंद कर दिया गया था। 46 साल के बाद मंदिर के पकाट खुले। जिसके बाद अब वाराणसी में भी एक शिव मंदिर की फोटो-वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। बताया जा रहा है कि ये मंदिर पिछले 10 सालों से बंद हैं। ये शिव मंदिर वाराणसी के मुस्लिम इलाके में स्थित है।
पुलिस ने शुरू की जांच-पड़ताल
वाराणसी के मुस्लिम क्षेत्र मदनपुरा में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। ये प्राचीन शिव मंदिर मकान नंबर-डी-31 के पास स्थित है। करीब दस साल पहले कुछ अराजकत्वों ने मंदिर को बंद करवा दिया। पूजा-अर्चना पर रोक लगा दी थी। अब हिंदू संगठनों ने इस मंदिर को खुलवाने के लिए पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखा है। सूचना पर वाराणसी पुलिस की एक टीम मंदिर परिसर पर गई और जांच पड़ताल की।
250 वर्ष प्राचीन है शिव मंदिर
बताया जा रहा है कि ये मंदिर करीब 250 साल से भी अधिक पुराना है। फिलहाल मंदिर के अंदर मिट्टी भरी हुई है। दावा है कि इस प्राचीन शिव मंदिर का जिक्र काशी खंड में भी है। अब पुलिस ये पता करने की कोशिश कर रही है कि आखिर मंदिर का मालिकाना हक किसके पा है। पता ये भी किया जा रहा है कि यहां ताला किसने और क्यों लगाया है?। फिलहाल मंदिर के पास सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है। स्थानीय लोगों ने प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंदिर को खुलवाए जाने की गुहार भी लगाई है।