लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा का आग बुझ चुकी है। बाजार खुल गए और लोग पहले की तरह से अपने कामों पर लग गए हैं। हालांकि संवेदनशील इलाकों में अब भी पुलिस का पहरा और न्यायिक आयोग की टीम भी जिले में पहुंचने के साथ ही जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। इनसब के बीच गाजीपुर से सपा के सांसद अफजाल अंसारी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि लोग मनमानी करने पर आमादा हैं। न्यायिक सेवा के अफसरों को धमकाया जा रहा है। सपा सांसद ने कहा कि जो अफसर उछल रहे हैं, उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा। वक्त आएगा। सरकार बदलेगी और. अभी जो लोग हैं, वो बदले जाएंगे। कानून के तहत ऐसे अफसरों पर एक्शन होगा।
अधिकारी मनमानी करने पर आमादा
गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि, संभल हिंसा में पांच लोगों की मौत हुई। पुलिस का चेहरा बेनकाब हुआ। खुद सुप्रीम कोर्ट की ओऱ से फटकारा लगाई गई है। इसके बाद भी लोगों को शर्म नहीं आती है। अफजाल ने कहा कि अधिकारी मनमानी करने पर आमादा हैं। न्यायिक सेवा के अधिकरियों को धमकाया जा रहा है। उछलकुद करने वाले ये नहीं जानते कि, सरकारें आती और जाती हैं। यूपी में भी सरकार बदलेगी और जो ज्यादतियां हो रही हैं, सबका हिसाब किताब होगा। कानून के रास्ते सबका हिसाब होगा। सपा सांसद ने कहा कि संभल में ऐसी परिस्थितियां पैदा की गईं कि लोग उत्तेजित हों। जिसके बाद पुलिस की तरफ से इकतरफा कार्रवाई जारी है। महिलाओं को घरों से उठाकर जेल भेजा जा रहा है।
सपा नेताओं को संभल जाने से रोका गया
सपा सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि विपक्ष के नेताओं को पुलिस हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने से रोक रही है। संभल को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन संभल गया था, लेकिन प्रतिनिधिमंडल को संभल जिले में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इसमें कई विधायक और संभल के सांसद भी शामिल थे। हम तो सुप्रीम कोर्ट से मांग करते हैं कि तत्काल इस पर फैसला दे। विपक्ष के नेताओं को संभल जाने की इजाजत मिले। सपा सांसद ने आरोप लगाया कि संभल में हिंसा एक साजिश के तहत करवाई गई है। सरकार बदली तो जांच होगी। राज बाहर आएंगे और जो भी दोषी होगा, उस पर कानून के तहत कार्रवाई होगी।
अखिलेश यादव की तरफ से आया बयान
क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू करने के फैसले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि प्रतिबंध लगाना बीजेपी सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की विफलता है। अगर सरकार ने दंगा भड़काने का सपना देखने वालों और लोगों से उन्मादी नारे लगवाने वालों पर पहले ही ऐसा प्रतिबंध लगा दिया होता तो संभल में सौहार्द और शांति का माहौल खराब नहीं होता। वहीं समाजवादी पार्टी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बीजेपी सरकार और प्रशासन की विफलता के कारण संभल में हुई हिंसा में जान गंवाने वालों के परिजनों को समाजवादी पार्टी 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। साथ ही मांग की कि उत्तर प्रदेश सरकार को मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए।