Agra illegal drug factory: आगरा के सिकंदरा क्षेत्र में एक बड़े नकली दवा व्यापार का खुलासा हुआ है, जहां जीजा-साले की जोड़ी ने दो अवैध फैक्ट्रियों में पशुओं की नकली दवाएं बनाई थीं। ये दवाएं ऑनलाइन ऑर्डर पर विदेशों में सप्लाई की जाती थीं, खासकर अफगानिस्तान और अफ्रीका के अफ्रीकी देशों में। आगरा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इन फैक्ट्रियों से करीब 4.5 करोड़ रुपए की नकली दवाइयां और मशीनरी बरामद की। पुलिस और औषधि विभाग ने मिलकर 434 तरह की नकली दवाएं जब्त कीं, जिनका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। इन दवाओं को 10 गुना अधिक दाम पर बाजार में बेचा जाता था।
नकली दवाओं के खुलासे के बाद जांच तेज
सिकंदरा थाना क्षेत्र के लखनपुर में एक छापे के दौरान Agra पुलिस को दो अवैध फैक्ट्री मिलीं, जिनमें पशुओं की दवाएं बनाई जा रही थीं। पुलिस ने बताया कि इन दवाओं की लागत सिर्फ 90-100 रुपये थी, लेकिन इन्हें बाजार में 1100 रुपये तक बेचा जाता था। यह व्यापार केवल भारत तक सीमित नहीं था; दवाएं विदेशों तक भेजी जाती थीं। यह सबकुछ ऑनलाइन आर्डर पर किया जाता था और मुंबई के डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से विदेशों में सप्लाई होती थीं।
गति से बढ़ती कार्रवाई
Agra पुलिस ने दोनों फैक्ट्री संचालकों अश्वनी गुप्ता और सौरभ दुबे को गिरफ्तार किया। दोनों के बीच रिश्ते जीजा-साले के थे, और इन दोनों ने मिलकर यह अवैध फैक्ट्री शुरू की थी। कार्रवाई के दौरान लगभग 434 प्रकार की नकली दवाएं बरामद की गईं, जिनमें एंटीबॉयोटिक, पेट के कीड़े मारने वाली और दर्द व बुखार की दवाएं शामिल थीं। इन दवाओं को खासतौर पर अफगानिस्तान और अफ्रीकी देशों में सप्लाई किया जाता था।
दवाओं के निर्माण में दिल्ली और मुंबई से आपूर्ति
गिरफ्तार हुए आरोपी ने खुलासा किया कि दवाओं के निर्माण के लिए वे दिल्ली और मुंबई से रॉ मेटेरियल और मशीनें मंगवाते थे। इन फैक्ट्रियों में कुल 234 और 200 प्रकार की दवाएं बनाई जा रही थीं, जो अब जांच के लिए भेजी गई हैं। औषधि विभाग ने इस मामले में कार्रवाई तेज कर दी है, और आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।