उत्तरप्रदेश के सबसे बड़े 800 वर्ग गज में बने 56 सीटर शौचालय पर दबंगो ने कब्जा कर लिया है। बता दें कि इस शौचालय को 1986 के 11 पंचों ने जमीन क्रय करके बनवाया था और समाजसेवा समिति के नाम से किया था। एकत्रित चंदे से 56 सीटर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया गया था। अब रूपयों के लालची हरिश्चंद्र नामक व्यक्ति ने मृतक भूरी देवी के वारिसान से फर्जी बैनामा करा लिया। हरिश्चन्द्र की मृत्यू के बाद मृतक के वारिसान और भूरिदेवी के वारिसान ने सांठ गांठ कर बिना बैनामा निरस्त किए ही सहकारी समिति से लिखापढ़ी कराई। तत्कालीन तहसीलदार और लेखपाल व कानूनगो की सांठगांठ ने सार्वजनिक शौचालय की जमीन को बेचने में सहयोग किया।
नया सार्वजनिक शौचालय बनाने के नाम पर किया गुमराह
जिसके बाद सहकारी समिति ने सार्वजनिक शौचालय की जमीन को निजी संपत्ति बताकर दबंग बिल्डिरो को बेच दिया। वहीं दबंगों ने सार्वजनिक शौचालय को तोड़कर बिना नक्शा पास किए बिल्डिंग तैयार की। जमीन पर कब्जा करने में वार्ड नंबर10 इंद्रा देवी के भाई राजेश खन्ना ने लोगों को गुमराह किया।
सार्वजनिक शौचालय तोड़ने के समय महापौर का बीजक लगाकर 20 किलो लड्डू वितरण कर जनता को नए सार्वजनिक शौचालय बनाने के नाम से गुमराह किया गया। जिसके चलते स्थानीय लोगों ने इसका विरोध नहीं किया। लगे बीजक के आधार पर ही सार्वजनिक शौचालय पर पूर्व विधायक गुटियारी दुबेश ने निगम के माध्यम से पैसा लगाया था।
प्रशासन पर कार्यवाई न करने का आरोप
इस कड़ी में सामजसेवी की जनहित याचिका पर शौचालय को कब्जा मुक्तकर दबंगों के खिलाफ कार्यवाही के लिए आदेश दिए गए है। लेकिन प्रशासन ने आदेश को दरकिनार कर अभी तक दबंगो के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं की है। इससे पहले मंडल आयुक्त आगरा कार्यालय के सामने सेकड़ों महिलाओ ने डिब्बा रखकर प्रदर्शन किया था। वहीं सार्वजनिक शौचालय की जमीन कब्जे मामले में महापौर और नगर आयुक्त ने साध ने भी चुप्पी साथ रखी है।