Akhilesh Attack On Yogi: उत्तर प्रदेश की राजनीति में तनाव उस वक्त और बढ़ गया जब गाजीपुर जिले के नोनहरा थाने में हुए कथित पुलिस लाठीचार्ज में भाजपा कार्यकर्ता की मौत के बाद बवाल मच गया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर योगी सरकार पर सीधा हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा की आपसी और अंदरूनी लड़ाई का खामियाजा आम कार्यकर्ताओं को क्यों भुगतना पड़े। उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अब तक हिरासत में मौतों का जो रिकॉर्ड बन रहा था, उसका शिकार अब भाजपा के अपने लोग भी होने लगे हैं। Akhilesh ने पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए सरकार की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए।
गाजीपुर जिले के नोनहरा थाना परिसर में धरने के दौरान हुए कथित पुलिस लाठीचार्ज ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस घटना में भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय उर्फ जोखू (35) की मौत के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को इस मामले को लेकर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि भाजपा की अंदरूनी कलह की कीमत आम कार्यकर्ताओं को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है।
Akhilesh यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लिखा कि यूपी पुलिस का ‘हिरासत में मौत’ का रिकॉर्ड अब सत्ताधारी दल के अपने लोगों तक पहुंच गया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब अपने लोग मारे गए, तब जाकर भाजपा कार्यकर्ताओं को इतने सालों से लगातार मारे जा रहे निर्दोष लोगों का दर्द समझ आया।
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उन्होंने आगे कहा कि हर मृतक सबसे पहले देश का नागरिक और एक इंसान होता है। उसकी मौत पर राजनीति नहीं बल्कि संवेदना और न्याय की जरूरत होती है। Akhilesh ने यह भी सवाल उठाया कि आखिर भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों पर पुलिस कार्रवाई के पीछे कौन लोग हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अंदरूनी लड़ाई का खामियाजा किसी निर्दोष को नहीं भुगतना चाहिए।
घटना के बाद गाजीपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है। पुलिस अधीक्षक डॉक्टर इराज राजा ने बताया कि नोनहरा थाना प्रकरण में कुल 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसमें थाना प्रभारी निरीक्षक, एक उपनिरीक्षक, एक मुख्य आरक्षी और तीन आरक्षियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। वहीं, अन्य दो उपनिरीक्षकों और तीन आरक्षियों को लाइन हाजिर किया गया है।
मृतक कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय, जो रुकुंदीपुर गांव का निवासी था, मंगलवार रात थाना परिसर में हुए धरने के दौरान कथित तौर पर घायल हुआ था। गुरुवार तड़के लगभग 3 बजे उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद से स्थानीय स्तर पर तनाव और नाराजगी बनी हुई है।
अब यह मामला सिर्फ गाजीपुर तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि प्रदेश की राजनीति का बड़ा मुद्दा बन गया है। विपक्ष जहां सरकार और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा रहा है, वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी की लहर दिख रही है। आने वाले दिनों में यह विवाद प्रदेश की राजनीति को और अधिक गरमा सकता है।