Akhilesh Yadav on lack of ambulances: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाते हुए योगी सरकार को निशाने पर लिया है। अखिलेश ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, “भाजपा राज में ज़िम्मेदारी सिर्फ कंधों पर ही नहीं, हाथों पर भी उठानी पड़ती है। कुछ साल पहले उप्र में एंबुलेंस भी चला करती थी।” यह टिप्पणी उन्होंने फिरोजाबाद के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज से वायरल वीडियो पर की है। वीडियो में एक व्यक्ति को मरीज को कंधे पर लादकर वार्ड तक ले जाते हुए दिखाया गया है।
यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ ट्रैफिक प्रबंधन की खामियों को उजागर कर रही है।
एंबुलेंस और स्वास्थ्य सुविधाओं की हकीकत
Akhilesh Yadav ने वीडियो साझा करते हुए अपनी सरकार के दौरान चलाई गई स्वास्थ्य सेवाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर थीं और 108 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध थी।
दूसरी ओर, वायरल वीडियो में मरीज के परिजनों की लाचारी ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। फिरोजाबाद के ट्रॉमा सेंटर की घटना ने स्थिति को और चिंताजनक बना दिया।
जाम में फंसी एंबुलेंस, लाचार परिजन
फिरोजाबाद के ट्रॉमा सेंटर के पास भीषण जाम का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें चार से अधिक एंबुलेंस जाम में फंसी दिखाई दीं। एंबुलेंस के भीतर मरीज और उनके परिजन परेशान नजर आए। करीब आधे घंटे तक फंसे रहने के बाद, परिजनों ने गंभीर रूप से घायल एक बच्चे को गोद में उठाकर ट्रॉमा सेंटर की ओर दौड़ लगाई।
इस घटना ने स्वास्थ्य और ट्रैफिक प्रबंधन की अव्यवस्थाओं को उजागर कर दिया है। सायरन बजाती एंबुलेंस को रास्ता देने वाला कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी वहां मौजूद नहीं था।
विपक्ष का हमला और सरकार की खामोशी
Akhilesh Yadav ने इन घटनाओं पर प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह स्थिति भाजपा सरकार की असफलताओं को दिखाती है। वायरल वीडियो ने न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को उजागर किया, बल्कि सड़क पर नागरिकों की कठिनाइयों को भी सामने रखा।
सरकार की तरफ से अब तक इन घटनाओं पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सोशल मीडिया पर यह मुद्दा जोर पकड़ रहा है।