Akhilesh Yadav News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र व राज्य नीतियों पर कड़ा प्रहार करते हुए आरोप लगाया है कि सरकार एक “गोपनीय एजेंडे” के तहत देश की अर्थव्यवस्था को कुछ गिने-चुने हाथों में सौंपने की साजिश रच रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा की गई अपनी विस्तृत पोस्ट में अखिलेश ने “एक का धंधा, एक से चंदा” का नारा देते हुए कहा कि भाजपा देश के हर कारोबार को सिमटाकर अपने खास सहयोगियों के नियंत्रण में देना चाहती है। उनके अनुसार, यह नीति न केवल छोटे और मध्यम उद्योगों को खत्म कर रही है, बल्कि भविष्य में अनियंत्रित मुनाफाखोरी, रिकॉर्ड तोड़ महंगाई और महा-भ्रष्टाचार का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है।
एकाधिकार और आर्थिक खतरे
Akhilesh Yadav ने चेतावनी दी कि किसी भी क्षेत्र में एकाधिकार (Monopoly) की भावना देश के लिए घातक होती है, चाहे वह राजनीति हो या अर्थव्यवस्था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार विभिन्न औद्योगिक घरानों को निशाना बनाकर उन्हें कमजोर कर रही है ताकि समस्त आर्थिक गतिविधियों पर उनके “गिने-चुने” लोगों का कब्जा हो सके। इससे भाजपा को चुनावी चंदे के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा और वे एक ही जगह से अपनी वित्तीय जरूरतें पूरी कर सकेंगे।
95 प्रतिशत आबादी पर प्रभाव
सपा प्रमुख Akhilesh Yadav ने इस स्थिति को गंभीर और खतरनाक बताते हुए कहा कि इन एकाधिकारवादी कंपनियों को फायदा पहुँचाने के लिए नियमों और कानूनों में मनमाना बदलाव किया जाएगा। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं और श्रमिकों पर पड़ेगा। उन्होंने निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर चिंता जताई:
-
श्रमिकों का शोषण: ‘कम धन-अधिक श्रम’ के फार्मूले के तहत मजदूरों का उत्पीड़न बढ़ेगा।
-
PDA की अनदेखी: पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (PDA) समाज, जो देश की लगभग 95 प्रतिशत आबादी है, घोर शोषण का शिकार होगी।
-
किसानों की बदहाली: इस व्यवस्था में न तो किसानों की आवाज सुनी जाएगी और न ही आम जनता की समस्याओं पर ध्यान दिया जाएगा।
अपने संबोधन के अंत में अखिलेश यादव ने जनता से एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने नारा दिया— “एकाधिकार, नहीं स्वीकार!” उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा की यह नीति लोकतंत्र और निष्पक्ष बाजार व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यादव के इस बयान ने आगामी राजनीतिक चर्चाओं में ‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ और ‘चंदा संस्कृति’ के मुद्दे को एक बार फिर गरमा दिया है।
