Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मैनपुरी के करहल सीट से सपा उम्मीदवार तेज प्रताप यादव के नामांकन के बाद Akhilesh Yadav ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चुनावी लाभ के लिए बीजेपी ने बहराइच में दंगा कराया। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के फैसले न्यायपूर्ण नहीं हैं और वे खुद को कानून से ऊपर मानते हैं। अखिलेश ने दावा किया कि बीजेपी की सदस्यता घट रही है, लेकिन उनकी भूमि पर कब्जा करने की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। साथ ही, उन्होंने उपचुनाव में सपा की ऐतिहासिक जीत की भविष्यवाणी की।
बीजेपी पर आरोप
Akhilesh Yadav ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीधे तौर पर बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि सत्ता में बने रहने के लिए बीजेपी साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बहराइच में जानबूझकर दंगा कराकर बीजेपी ने चुनावी लाभ उठाने की कोशिश की। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी अपने लाभ के लिए जनता को विभाजित कर रही है और यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।
BREAKING 🚨
Akhilesh Yadav tore apart BJP over the Bahraich violence.
BJP is fearing defeat in the upcoming bypolls, so they planned this.
Where were police and administration at that time?
The man is different beast nowadays 🔥🔥 pic.twitter.com/FpRtau8RrU
— Amock (@y0geshtweets) October 21, 2024
सपा की मजबूत स्थिति
मैनपुरी की करहल सीट पर तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाने के बाद Akhilesh Yadav ने कहा कि यह सीट उनके लिए हमेशा महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा, “यहां के लोगों ने सपा को हमेशा समर्थन दिया है, और इस बार नतीजे ऐतिहासिक होंगे।” अखिलेश ने उपचुनाव में सपा की जीत का दावा करते हुए कहा कि जनता बीजेपी की नीतियों से त्रस्त हो चुकी है और इस बार पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का समर्थन बढ़ा है।
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कांग्रेस ने किया सपा का समर्थन
उत्तर प्रदेश के 9 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस ने सपा का समर्थन करते हुए खुद को चुनावी मैदान से पीछे खींच लिया है। अखिलेश ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि दोनों पार्टियों के बीच एक स्वस्थ गठबंधन की संभावना है। कांग्रेस ने इस फैसले को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी सपा के समर्थन से जोड़ते हुए उपचुनाव में कदम पीछे लिया है।
करहल सीट की अहमियत
करहल सीट सपा के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस सीट से अखिलेश यादव ने 2022 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने करहल से इस्तीफा दे दिया था। अब तेज प्रताप यादव इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे सपा को बड़ी उम्मीदें हैं।