कानपुर ऑनलाइन डेस्क। होली पर्व पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश परिवार के साथ सैफई पहुंचे। यहां अखिलेश यादव ने परिवार और कार्यकर्ताओं के साथ फूलों की होली खेली। होली पर्व को लेकर सैफई का सजाया गया था। हर गली-मोहल्ले में होलिकाउत्सव की धूम थी। यूपी के कोने-कोन से सपा के कार्यकर्ता नेता जी के गांव सैफई पहुंचे। जिनका होरियारों ने जोरदार तरीके से स्वागत किया। सभी के चेहरों पर खुशी थी।
होलिकाउत्सव पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया
दरअसल, 2023 में मुलायम सिंह के निधन के बाद यादव कुनबा सैफई पहुंचा था। नेता जी के निधन के बाद ये दूसरी होली थी और उस समय का माहौल भावुक कर देने वाला था। अखिलेश यादव और समाजवादी परिवार ने मुलायम सिंह को याद करते हुए उनके सपनों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया था। वहीं, 2024 में भी सैफई की होली ने उसी परंपरा को बनाए रखा। 2025 में सपा के गढ़ में होलिकाउत्सव पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। अखिलेश यादव पूरे परिवार के साथ अपने गांव पहुंचे।
समर्थकों की भीड़ से सराबोर नजर आया सैफई
अखिलेश यादव ने परिवार और कार्यकर्ताओं के साथ फूलों की होली खेली। इस मौके पर समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव, राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव, सांसद डिंपल यादव, सांसद धर्मेंद्र यादव, सांसद आदित्य यादव, विधायक तेज प्रताप यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष अंशुल यादव, सांसद अक्षय यादव समेत समाजवादी पार्टी के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। पूरा सैफई समाजवादी झंडों, नारों और समर्थकों की भीड़ से सराबोर नजर आया।
मुलाकात की और होली की शुभकामनाएं दीं
होली में पूरे प्रदेश से हजारों कार्यकर्ता पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने अपने नेता से मुलाकात की और होली की शुभकामनाएं दीं। मंच से समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन किया और समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए, जिसमें लोक कलाकारों ने पारंपरिक गीतों और नृत्य के जरिए कार्यक्रम की भव्यता को और बढ़ा दिया। मंच से गूंजते समाजवादी नारों और फूलों की वर्षा ने पूरे माहौल को उल्लासमय बना दिया।
सैफई की होली का खास महत्व रहा
सैफई में फूलों की होली की परंपरा लगभग दो दशक पहले समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने शुरू कराई थी। नेताजी को जब यह महसूस हुआ कि हर साल होली के अवसर पर दूर-दूर से समर्थक और कार्यकर्ता सैफई पहुंचते हैं, तो उन्होंने इस मिलन को यादगार बनाने के लिए फूलों की होली की शुआत की। तब से यह आयोजन हर साल बड़े स्तर पर होता आ रहा है। जब नेताजी खुद इस आयोजन की अगुवाई करते थे, तब इसमें प्रदेशभर से नेता और कार्यकर्ता जुटते थे। मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए भी सैफई की होली का खास महत्व रहा।
उसी परंपरा का निर्वहन
मंच से मुलायम सिंह यादव का संबोधन कार्यकर्ताओं में जोश भर देता था। उनकी होली में शामिल होने के लिए दूर-दराज से कलाकार आते थे और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होती थीं। समाजवादी पार्टी की होली हमेशा से चर्चा में रही है। 2023 की होली नेताजी के बिना दूसरी होली थी। अखिलेश यादव और समाजवादी परिवार ने नेताजी को याद करते हुए उनके सपनों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया था। सैफई में नेता जी द्धारा शुरू की गई होली बदस्तूर जारी है। नेता जी फूलों से होली खेलते थे। इसी के चलते अखिलेश यादव भी उसी परंपरा का निर्वहन करते हुए फूलों की होली खेलते हैं।
राजनीतिक रूप से भी एक बड़ा संदेश
हर साल सैफई की होली में अखिलेश यादव मीडिया से बातचीत करते थे, लेकिन इस बार उन्होंने पत्रकारों से कोई वार्ता नहीं की। कार्यक्रम का समापन फूलों की होली के साथ हुआ, लेकिन कार्यकर्ताओं और समर्थकों का जोश चरम पर दिखा। सैफई की यह होली केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि समाजवादी आंदोलन का प्रतीक बन चुकी है। यह आयोजन न केवल सपा कार्यकर्ताओं को एकजुट करता है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी एक बड़ा संदेश देता है।