Akhilesh Yadav News: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से बयानबाज़ी का दौर गर्म है। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सीएम योगी आदित्यनाथ को “रिपीट” किए जाने के बयान पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने करारा पलटवार किया है। Akhilesh Yadav ने तंज कसते हुए कहा, “मुँह से निकला रिपीट, मन में था डिलीट!” दरअसल, लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान शाह ने अखिलेश की चुटकी का जवाब देते हुए कहा था कि योगी आदित्यनाथ भी दोबारा मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। इसके बाद सियासी गलियारों में इस बयान की चर्चा तेज हो गई है। अखिलेश ने न सिर्फ योगी को लेकर बल्कि बीजेपी के आंतरिक मामलों पर भी सवाल उठाए हैं।
अमित शाह के रिपीट वाले बयान पर अखिलेश का पलटवार
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर टिप्पणी के लिए उकसाया, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “वो भी रिपीट होंगे।” इस बयान के बाद अखिलेश ने सोशल मीडिया और मीडिया से बातचीत में कहा, “मुँह से निकला रिपीट, मन में था डिलीट।” उनका इशारा स्पष्ट था—बीजेपी के भीतर योगी आदित्यनाथ को लेकर असमंजस और अंतर्विरोध चल रहा है।
श्याम प्रकाश के बयान से और गरमाई राजनीति
इस पूरे बयानबाज़ी के दौर के बीच बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश का बयान भी चर्चाओं में है, जिसमें उन्होंने कहा था कि “बाबा दिल्ली जाएं और केशव मौर्य मुख्यमंत्री बनें।” यह बयान योगी आदित्यनाथ की स्थिति को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष की ओर इशारा करता है। ऐसे समय में अमित शाह का ‘रिपीट’ वाला बयान कई राजनीतिक संकेत दे रहा है, जिसे सपा और विपक्ष हाथों-हाथ ले रहे हैं।
सीएम योगी ने भी दिए थे संकेत
सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक साक्षात्कार में अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कहा था कि वह ‘योगी’ हैं, और राजनीति उनके लिए एक फुल टाइम जॉब नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री पद की भी एक समय सीमा है। इस बयान ने भी कई अटकलों को जन्म दिया था, जिसे अब अखिलेश यादव भुनाने की कोशिश में हैं।
बीजेपी पर पारिवारिक तंज और शाह का जवाब
Akhilesh Yadav ने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि पार्टी में अब ‘खराब हिंदू’ कौन है, इसका मुकाबला चल रहा है। साथ ही उन्होंने बीजेपी पर राष्ट्रीय अध्यक्ष न चुन पाने को लेकर भी सवाल उठाए। जवाब में अमित शाह ने कहा, “आपकी पार्टी में अध्यक्ष का चुनाव पांच लोगों में होता है, हमारे यहां 12-13 करोड़ सदस्यों में।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश यादव अगले 25 साल तक अध्यक्ष बने रहेंगे।
Akhilesh Yadav और अमित शाह के बीच यह संवाद अब उत्तर प्रदेश की राजनीति में चुनावी संकेतों के रूप में देखा जा रहा है। योगी आदित्यनाथ की भविष्य की भूमिका को लेकर भाजपा में चल रही चर्चा को लेकर विपक्ष हमलावर है, और सपा इसे अपनी रणनीति का अहम हिस्सा बना रही है।