क्या सच में कानून व्यवस्था केवल सुनने की बात, अखिलेश का ये कैसा विवादित बायान, कहते हैं की – ‘जब चुनाव में कोई हार जाएं तो तीखा प्रहार तो होता ही हैं’, अभी हाल ही में आपको याद होगा की बजट सत्र में योगी आदित्यनाथ और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव की तू- तू, मैं- मैं लगातार चर्चा का विषय बनी रही। कुछ लोगो का कहना था की अखिलेश यादव बौखला गए हैं क्योंकि वो अपनी हार को बर्दशत नहीं कर पाए हैं। अब बजट सत्र के दिन तो गए पर अखिलेश यादव के सवाल और तीखे प्रहार अभी भी बाकी हैं। अब आप सोच रहें होंगे की मैं एसा क्यों कह रही हूं तो चलिए अब आपको बता दें कि पूरी खबर क्या हैं ?
दरसल,समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई हैं। अराजकता, अव्यवस्था और असुरक्षा के चलते कानून व्यवस्था केवल कहने सुनने की बात रह गई हैं। भाजपा सरकार अपने सैंवाधानिक दायित्वों के निर्वाहन में पूर्णतया विफल हैं। अखिलेश यादव यही नहीं रुके उन्होनें भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा की भाजपा सरकार में अब वही सुरक्षित हैं, जिस पर सत्ता संरक्षित आपराधियों की निगाह नही पड़ी हैं। अब तो कानून के रखवाले तक सुरक्षित नहीं हैं। अपराधियों की हिम्मत इतनी बढ़ गई हैं की अब वो पुलिस वालो को अपनी गाड़ियो से कुचल रहे हैं। पर अब सवाल यह हैं की अखिलेश का यह आरोप भाजपा सरकार पर क्या सटीक बैठता हैं क्योंकी जहॉ योगी सराकर लगातार फूल टू फूल एक्शन में नज़र आ रही हैं, फिर चाहें बात हो कानून वयवस्था की, अपराधि माफियोओं की या बात हो उत्तर-प्रदेश में गुंडा राज खत्म करने की योगी का हथियार बुलडोजर हर किसी पर चलता हैं नेता हो या फिर कोई अपराधि।
अखिलेश के इस विवादित सवाल को लेकर क्या कहना हैं कि क्या सच में कानून व्यवस्था केवल सुनने की बात हमें Comment box पर जरूर बाताए।