Chandrachur Singh Haveli: बॉलीवुड अभिनेता चंद्रचूड़ सिंह अपनी पुश्तैनी संपत्ति को लेकर परिवार में छिड़े विवाद के चलते चर्चा में हैं। सोमवार को वह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में डीएम ऑफिस पहुंचे, जहां उन्होंने डीएम संजीव रंजन से मुलाकात कर अपनी शिकायत दर्ज कराई। चंद्रचूड़ का आरोप है कि परिवार के कुछ सदस्य उनकी 140 साल पुरानी ‘कल्याण भवन’ हवेली पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर उसे बेचने की फिराक में हैं, और उन्हें अपनी ही पुश्तैनी हवेली में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा।
उनके साथ उनकी मां कृष्णा कुमारी देवी और भाई अभिमन्यु सिंह भी मौजूद थे। अभिनेता ने डीएम से इस मामले में कानूनी कार्रवाई की गुहार लगाई है, जिसके बाद डीएम ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। यह विवाद अलीगढ़ के जलालपुर एस्टेट की इस आलीशान और ऐतिहासिक हवेली से जुड़ा है।
VIDEO | Aligarh, UP: Actor Chandrachur Singh
is currently in Aligarh amid a dispute over his ancestral haveli and other properties. He has alleged that his own family members are attempting to illegally take possession of the ancestral assets. Chandrachur, accompanied by his… pic.twitter.com/vwURT7WJmq— Press Trust of India (@PTI_News) December 3, 2025
कल्याण भवन: 10 एकड़ में फैली आलीशान विरासत
अभिनेता Chandrachur Singh की पुश्तैनी हवेली, जिसे लेकर विवाद छिड़ा हुआ है, वह अलीगढ़ के खैर रोड पर जलालपुर एस्टेट में स्थित है और इसका नाम ‘कल्याण भवन’ है। यह हवेली साल 1885 में बनी थी और करीब 10 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैली हुई है। यह इतनी भव्य और पुरानी है कि पूरा इलाका ही इसे हवेली के नाम से जानने लगा है।
अभिनेता Chandrachur Singh ने डीएम को बताया कि उनकी परिवार की ज़्यादातर पुश्तैनी ज़मीनें पहले ही बेची जा चुकी हैं, लेकिन अब कुछ सदस्य अवैध तरीके से इस हवेली पर भी कब्ज़ा करना चाहते हैं। चंद्रचूड़ सिंह के पिता, कैप्टन बलदेव सिंह, भारतीय सेना में थे, और बाद में राजनीति में आए। वह 1985 में अलीगढ़ की सदर सीट से विधायक चुने गए थे। उनकी दोस्ती पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भी थी। 1991 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद वह गुरुग्राम चले गए और 2022 में उनका निधन हो गया।
इस प्रतिष्ठित संपत्ति को लेकर चल रही परिवार की कलह ने स्थानीय प्रशासन का ध्यान खींचा है, और अब देखना यह होगा कि डीएम के आश्वासन के बाद इस 140 साल पुरानी विरासत का भविष्य क्या होगा।
