Neha Singh Rathore anticipatory bail rejected: उत्तर प्रदेश की भोजपुरी गायिका और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर नेहा सिंह राठौर की कानूनी मुश्किलें बरकरार हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह और भड़काऊ भाषण के मामले में दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने जांच में सहयोग न करने के आधार पर उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट से बड़ा झटका लगने के बाद, नेहा सिंह राठौर ने एक बार फिर अपने गीत के माध्यम से देश और प्रदेश की सरकारों पर तीखा तंज कसा है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक नया वीडियो साझा किया है, जिसमें वह अधिकारियों और सरकार पर निशाना साधते हुए कह रही हैं, ‘साहेब छोड़ दो न बेटी-बहुओं को धमकाना।’ नेहा सिंह राठौर के खिलाफ लखनऊ में पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े उनके ट्वीट को लेकर एफआईआर दर्ज है। याचिका खारिज होने के बाद अब उन्हें कानूनी प्रक्रिया में शामिल होना पड़ सकता है।
हाई कोर्ट से याचिका खारिज, नेहा सिंह राठौर का तंज भरा गाना
इलाहाबाद हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के तुरंत बाद, Neha Singh Rathore ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर एक नया व्यंग्यपूर्ण वीडियो साझा किया। इस गाने के माध्यम से उन्होंने सरकार पर महिलाओं को धमकाने और छोटी-छोटी बातों पर एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया है।
अपने पोस्ट के कैप्शन में उन्होंने लिखा, ‘देशवा में हमरा पे दर्ज FIR बा..!’ और गीत में उन्होंने तीखे बोलों का इस्तेमाल किया: “औरत पे जोर दिखाए ये कैसा मर्दाना, साहेब छोड़ दो न बेटी-बहुओं को धमकाना… छोटी-छोटी बातों पे हो जाते हैं वो फायर…” वह सरकार को अपनी बहादुरी सीमा पर दिखाने की चुनौती देती हैं: “…56 की छाती जा के सीमा पे फुलाना, लाल-लाल आंखे जा के चाइना को दिखाना।” यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
सरकार पर गंभीर आरोप
गायिका Neha Singh Rathore ने अपने एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपनी पूरी ताकत एक “मामूली लड़की” यानी उनके खिलाफ इस्तेमाल कर रही है, जबकि बड़े अपराधियों को छोड़ दिया जाता है। उन्होंने गोवा के एक नाइट क्लब में हुई आगजनी और मौतों का हवाला देते हुए कहा कि सवाल पूछने की हिम्मत करने पर उन्हें डराया, धमकाया और प्रताड़ित किया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
Neha Singh Rathore के खिलाफ एफआईआर का मामला पहलगाम आतंकी हमले के दौरान किए गए उनके सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ा है। आरोप है कि उनके ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं, जिन्हें राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया। एफआईआर में देशद्रोह, भड़काऊ भाषण और सांप्रदायिक सौहार्द भंग करने के आरोप शामिल हैं। अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब उन्हें औपचारिक गिरफ्तारी की आशंका के चलते कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।







